छत्तीसगढ़

क्या कोई खिलाड़ी घरेलू क्रिकेट खेल कर बन सकता है करोड़पति? जानें कितनी मिलती है सैलरी

नईदिल्ली : भारत की जनसंख्या 140 करोड़ से भी ऊपर है और हर साल लाखों नए और युवा क्रिकेटर उभर कर सामने आते हैं. मगर इनमें से कुछ चुनिंदा खिलाड़ी ही होते हैं जो स्टेट लेवल और फिर भारत की नेशनल क्रिकेट टीम में जगह बना पाते हैं. यह बात जगजाहिर है कि टीम इंडिया के खिलाड़ियों की कमाई करोड़ों में होती है. मगर सवाल है कि क्या कोई क्रिकेटर अपने पूरे करियर में घरेलू क्रिकेट खेल कर भी करोड़पति बन सकता है?

इसी साल एक रिपोर्ट सामने आई थी, जिसमें बताया गया कि बीसीसीआई (BCCI) ने डोमेस्टिक क्रिकेटरों की सैलरी बढ़ाने पर विचार किया है. नई नीति में विचार किया गया था कि यदि एक खिलाड़ी एक रणजी सीजन में 10 या उससे ज्यादा मैच खेल लेता है तो वह एक सीजन में 75 लाख से 1 करोड़ रुपये के बीच कमाई कर सकता है. मगर इस नीति को कब लागू किया जाएगा, इस पर अभी कुछ स्पष्ट नहीं है.

क्या बन सकते हैं करोड़पति?

BCCI के मौजूदा सैलरी स्ट्रक्चर के हिसाब से यदि किसी प्लेयर को रणजी ट्रॉफी में 40 से ज्यादा मैचों का अनुभव है, तो उसे एक दिन के लिए 60,000 रुपये मिलते हैं. 21-40 रणजी मैच खेलने वाले प्लेयर को एक दिन के 50,000 रुपये और 20 मुकाबलों का हिस्सा बनने वाले क्रिकेटर को 40,000 रुपये प्रतिदिन मिलते हैं.

इस हिसाब से यदि कोई सीनियर क्रिकेटर रणजी सीजन के सभी मैच खेलता है और उसकी टीम फाइनल तक पहुंच जाती है तो वह एक सीजन से 25 लाख रुपये की कमाई कर सकता है. वहीं विजय हजारे ट्रॉफी में एक सीनियर खिलाड़ी को एक मैच खेलने के 50,000 रुपये मिलते हैं. वहीं अन्य डोमेस्टिक टूर्नामेंट्स से भी प्लेयर खूब सारी कमाई कर सकते हैं. मौजूदा तंख्वाह प्रणाली के हिसाब से कोई डोमेस्टिक प्लेयर एक सीजन में करोड़पति नहीं बन सकता, लेकिन 3-4 सीजन रेगुलर खेलने पर जरूर उसकी कुल कमाई करोड़ों में जा सकती है.