ढाका : बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद पूरे देश में इस्लामीकरण तेज हो गया है. सरकार तो छोड़िए अब बांग्लादेश की सेना भी कट्टरपंथियों के सामने नतमस्तक नजर आ रही है. पहली बार ऐसा हुआ है, जब बांग्लादेश की सेना ने महिला सैनिकों को हिजाब पहनने की अनुमति दी है. साल 2000 में बांग्लादेश की सेना में महिलाओं को शामिल किया गया था, तभी से सेना में हिजाब पहनना मना था. कट्टरपंथियों के दबाव में बांग्लादेश आर्मी ने अपने नियमों में अब बदलाव कर लिया है.
बांग्लादेशी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, महिला सैनिक यदि अब हिजाब पहनना चाहती हैं तो पहन सकती हैं. एडजुटेंट जनरल कार्यालय से इसको लेकर आदेश जारी किया गया है. जिसके बाद अब महिला सैन्यकर्मियों को हिजाब पहनना वैकल्पिक कर दिया गया है. बीडीन्यूज 24 ने बताया कि बांग्लादेश में अब महिला अफसरों, नर्सिंग स्टाफ और अन्य सैन्यकर्मियों पर हिजाब पहनने को लेकर लगे प्रतिबंध को हटा दिया गया है. एडजुटेंट जनरल कार्यालय की तरफ से जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि ‘3 सितंबर को पीएसओ सम्मेलन में सैद्धांतिक निर्णय लिया गया, जिसमें इच्छुक महिला कर्मियों को वर्दी के साथ हिजाब पहनने की मंजूरी दी गई.’
बांग्लादेश में महिला सैनिकों के लिए हिजाब के नियम
दरअसल, बांग्लादेश की सेना में साल 2000 महिलाओं को शामिल किया गया, जिसके बाद से अभी तक महिलाओं को वर्दी के साथ हिजाब पहनने की अनुमति नहीं थी. एडजुटेंट कार्यालय ने अब निर्देश दिया है कि अलग-अलग वर्दी ( लड़ाकू वर्दी, कामकाजी वर्दी और साड़ी) के साथ अब हिजाब के भी सैंपल दिए जाएं. हिजाब के सैंपल में फैब्रिक, रंग और माप को भी शामिल किया गया है. प्रस्तावित हिजाब को पहने हुए महिला सैन्यकर्मियों के रंगीन फोटो संबंधित विभाग में 26 सितंबर तक भेजने को कहा गया है.
बांग्लादेश की सेना में कैसे शुरू हुई महिलाओं की भर्ती
साल 1997 की शुरुआत में बांग्लादेशी की आर्मी में पुरुषों की तरह ही महिलाओं को अफसर बनने की अनुमति दी गई थी. पहली बार साल 2000 में बांग्लादेश की महिलाएं सेना में अफसर बनीं और साल 2013 में सैनिक के रूप में महिलाएं शामिल हुईं. अभी भी बांग्लादेश में महिलाएं पैदल सेना और आर्मर कोर में अफसर नहीं बन सकती हैं.