छत्तीसगढ़

हरियाणा और जम्‍मू कश्‍मीर के चुनाव नतीजे बदलेंगे राज्‍यसभा का नंबर गेम! जानें एनडीए या इंडिया कौन होगा मजबूत

नईदिल्ली : हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024 के नतीजों ने सभी को चौंकाया है. एक तरफ जहां हरियाणा में बीजेपी ने हैट्रिक लगाई और कांग्रेस को झटका लगा है तो दूसरी तरफ जम्मू-कश्मीर में भगवा पार्टी वोटिंग पर्सेंटेज के मामले में नंबर वन पार्टी बनी और कांग्रेस तीसरे नंबर पर रही.

हरियाणा में बीजेपी ने 48 सीटों पर जीत दर्ज की तो कांग्रेस के खाते में 37 सीटें आईं. वहीं जम्मू-कश्मीर में बीजेपी ने 29 सीटें जीतीं तो कांग्रेस को सिर्फ 6 सीटें मिलीं. हालांकि कांग्रेस ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था और एनसी को 42 सीटें मिलीं. इस तरह से देखा जाए तो एक राज्य में बीजेपी सत्ता संभालेगी तो दूसरे राज्य में कांग्रेस सत्ता सहयोगी होगी.

कितना बदल जाएगा राज्यसभा का नंबर गेम?

राज्यसभा सदस्य चुनने के लिए वोटिंग राज्य विधानसभाओं के विधायक करते हैं. अक्सर ऐसा होता है कि जिस पार्टी के विधायक ज्यादा होते हैं, वही पार्टी जीतती है. हर राज्य में राज्यसभा सीटों की संख्या अलग-अलग होती है. जिस राज्य की जितनी जनसंख्या होती है उसी हिसाब से सीटें भी मिलती हैं. 1966 से हरियाणा 6 साल के लिए 5 राज्यसभा सदस्यों को चुनता आया है, यानि राज्य में 5 राज्यसभा सीटें हैं, जिसमें मौजूदा समय में 4 सीटों पर बीजेपी और एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार है.

हाल ही में हुए राज्यसभा उपचुनाव में हरियाणा से बीजेपी की किरण चौधरी सदस्य बनीं थी. उनका कार्यकाल 9 अप्रैल 2026 को खत्म होगा. इससे पहले अप्रैल के महीने में बीजेपी से ही सुभाष बारला सदस्य बने थे, जिनका कार्यकाल 2 अप्रैल 2030 को खत्म होगा. उससे पहले 2022 में बीजेपी के ही कृष्ण लाल पंवार सदस्य बने थे जिनका कार्यकाल 2028 में खत्म होगा.

उससे पहले 2020 में बीजेपी से ही राम चंदर जांगरा सदस्य बने और उनका कार्यकाल 2026 में खत्म होगा. वहीं, एक निर्दलीय सदस्य कार्तिकेय शर्मा हैं, जिनका कार्यकाल 2028 में खत्म होगा. हरियाणा से कांग्रेस का कोई भी राज्यसभा सदस्य नहीं है.

जम्मू-कश्मीर का नंबर गेम

जम्मू-कश्मीर में पिछले 10 सालों से चुनाव नहीं हुए थे. 2015 में हुए चुनाव में जम्मू-कश्मीर राज्यसभा से 4 सदस्य चुनकर आए थे. इन सभी का कार्यकाल खत्म हो चुका है और चुनाव न होने की वजह से कोई नया सदस्य चुनकर भी नहीं आया. अब जो 90 सीटों पर चुनाव हुआ, जिसमें बीजेपी ने 29, नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 42 सीटें जीती हैं. कांग्रेस ने 6 तो पीडीपी ने 3 और 7 निर्दलीय उम्मीदवार जीते हैं. इस तरह कुल 87 सीटों पर विधायक चुने गए हैं.

कैसे चुने जाते हैं राज्यसभा सदस्य?

राज्यसभा सदस्य चुनने के लिए जितनी सीटें खाली हैं उसमें 1 जोड़ दिया जाता है, इसके बाद कुल विधानसभा सीटों से भाग कर दिया जाता है. इसके बाद फिर जो संख्या आती है, उसमें 1 और जोड़ दिया जाता है. इसको ऐसे समझिए, मान लीजिए हरियाणा से 5 सीटों पर चुनाव होना है, इसमें एक जोड़ देते हैं तो संख्या होती है 6. कुल सदस्य हैं 90 तो इसको 6 से भाग देने पर संख्या आती है 15 इसमें फिर एक जोड़ देते हैं तो संख्या होती है 16 तो एक सीट जीतने के लिए 16 विधायकों के वोटिंग की जरूरत पड़ेगी.

राज्यसभा में कौन कितना मजबूत?

मौजूदा समय में राज्यसभा सदस्यों की अगर बात की जाए तो सबसे ज्यादा एनडीए के सदस्य हैं. जो कुल संख्या 120 है, जिसमें अकेले बीजेपी के 96 सदस्य हैं. वही, 4 सदस्य जेडीयूए के और एक-एक दो-दो सदस्य अन्य दलों के हैं.

INDIA गठबंधन की बात की जाए तो इसके कुल 87 सदस्य हैं, जिसमें कांग्रेस के 27, टीएमसी के 12, आम आदमी पार्टी के 10, डीएमके के 10, आरजेडी के 5, सपा के 4, सीपीआईएम के 4, जेएमएम के 3, सीपीआई के 2 के अलावा अन्य दलों के एक-एक, दो-दो सदस्य शामिल हैं.

अन्य विपक्षियों की बात की जाए, जो किसी गठबंधन का हिस्सा नहीं हैं, उनमें वाईएसआरसीपी के 8, बीजेडी के 7, बीआरएस के 4, एआईएडीएमके के 4, बीएसपी का 1 और एमएनएफ का एक सदस्य शामिल है. ये कुल संख्या 25 होती है.