छत्तीसगढ़

क्या अब ट्रूडो की खुल जाएगी पोल…, रिपुदमन मलिक की हत्या का गुनाह 2 गैंगस्टरों ने कबूला, निज्जर की हत्या से जुड़ा है तार

नईदिल्ली : कनाडा में सोमवार (21 अक्टूबर 2024) को दो गैंगस्टरों ने जुलाई 2022 में रिपुदमन सिंह मलिक की हत्या का जुर्म कबूल किया. इसके साथ ही कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के उस आरोप का भी पर्दाफाश हो गया जो पिछले साल उन्होंने भारत के खिलाफ लगाया था. ट्रूडो, खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के लिए भारत को दोषी ठहराने की कोशिश कर रहे थे. भारत ने पहले ही कहा था कि वह ऐसे आरोप वोट बैंक की राजनीति के लिए कर रहे हैं.

एयर इंडिया कनिष्क बमकांड के आरोपी रहे मलिक और निज्जर की हत्या के बीच आपसी रंजिश और गैंग्स का कनेक्शन है, जिसे ट्रूडो सरकार ने बढ़ावा दिया. निज्जर की हत्या जून 2023 में एक गुरुद्वारे के पार्किंग में हुई थी, और ट्रूडो ने इसके लिए भारत पर बिना कोई ठोस सबूत के आरोप लगाए.

RCMP की मलिक की हत्या की जांच

कनाडा की रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (RCMP) मलिक की हत्या में भी भारत की कथित भूमिका की जांच कर रही थी. दो गैंगस्टर टैनर फॉक्स और जोस लोपेज़ ने 21 अक्टूबर को ब्रिटिश कोलंबिया सुप्रीम कोर्ट में मलिक की हत्या में अपना गुनाह कबूल किया. यह दोनों भारतीय मूल के नहीं हैं. जांचकर्ताओं का कहना है कि इन गैंगस्टरों को सीधे भारतीय राजनयिकों की ओर से हायर नहीं किया गया था.रिपुदमन सिंह मलिक, जिन्हें 2005 में कनिष्क बमकांड मामले में बरी कर दिया गया था, बाद में भारत समर्थक हो गए थे. 2022 में, मलिक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर 1984 के सिख दंगों में न्याय दिलाने और करतारपुर कॉरिडोर खोलने के लिए उनका आभार जाहिर किया था. मलिक की इस भारत समर्थक सोच ने खालिस्तान समर्थकों, खास तौर से हरदीप सिंह निज्जर को नाराज कर दिया था.

पवित्र ग्रंथ की छपाई को लेकर मलिक और निज्जर का विवाद

मलिक और निज्जर के बीच श्री गुरु ग्रंथ साहिब की छपाई को लेकर भी विवाद था. मलिक को कनाडा में गुरु ग्रंथ साहिब की छपाई के अधिकार मिल गए थे, जिससे निज्जर और एक अन्य खालिस्तानी नेता मोनिंदर सिंह बॉयल नाराज हो गए थे. सितंबर 2023 में हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, निज्जर और बॉयल ने मलिक के खिलाफ प्रचार किया और उन्हें ‘कौम का गद्दार’ बताया था.

गैंग-खालिस्तानी कनेक्शन

निज्जर के संबंध गैंगस्टर और खालिस्तानी आतंकवादियों अर्शदीप डल्ला और लखबीर सिंह संधू से थे. इन दोनों को भारत ने आतंकवादी घोषित कर रखा है. भारत लंबे वक्त से कनाडा को पंजाबी गैंग्स के बारे में अलर्ट कर रहा है, लेकिन ट्रूडो सरकार ने इसे नजरअंदाज किया है.

ट्रूडो की सरकार पर वोट बैंक राजनीति का आरोप

कनाडा में सिखों की आबादी 2% है, लेकिन वे कई सीटों को प्रभावित करते हैं. ट्रूडो की सरकार न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (NDP) के नेता जगमीत सिंह के समर्थन पर टिकी है. जगमीत खालिस्तान समर्थक माने जाते हैं. मलिक के परिवार का मानना है कि उनकी हत्या एक ‘कॉन्ट्रैक्ट किलिंग’ थी और उन्होंने मांग की है कि हत्या के मास्टरमाइंड को भी सजा मिले. परिवार ने एक बयान में कहा, “टैनर फॉक्स और जोस लोपेज़ को इस हत्या के लिए हायर किया गया था. जब तक हत्या के लिए जिम्मेदार पार्टियों को न्याय के कटघरे में नहीं लाया जाता, तब तक यह मामला अधूरा रहेगा.”

निज्जर की हत्या मलिक की हत्या का बदला?

कनाडा के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जोडी थॉमस के अनुसार, निज्जर की हत्या मलिक की हत्या का बदला हो सकती है. थॉमस ने कहा, “निज्जर की हत्या के बाद की शुरुआती जांच में यह आकलन किया गया था कि यह मलिक की हत्या का प्रतिशोध हो सकता है.”

जब ट्रूडो ने 2023 में भारत पर निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया, तो उनके पास ठोस सबूत नहीं थे. भारत ने कई बार कनाडा से सबूत मांगने के बावजूद कुछ भी नहीं मिला. ट्रूडो सरकार ने जो भारत पर आरोप लगाए थे, वे गैंग वॉर पर आधारित मामले में भारत को दोषी ठहराने की कोशिश दिखाते हैं.