छत्तीसगढ़

पानी के बिल मत भरना, 2025 में माफ कर देंगे…, केजरीवाल ने दिल्लीवासियों से किया ये वादा

नईदिल्ली : आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को ट्रांसपोर्ट नगर में विश्वकर्मा दिवस पर आयोजित समारोह में शिरकत की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि दिल्ली में किसी को भी पानी के बिल भरने की जरूरत नहीं है। वर्ष 2025 में फिर से सरकार बनते ही सभी के पानी के बिल माफ होंगे। उनके जेल जाने के बाद भाजपा वालों ने पानी के गलत बिल भिजवाए हैं। इनकी मंशा दिल्ली के लोगों को परेशान करने की है। फरवरी में आप की सरकार बना दो, सभी के पानी के मौजूदा बिल माफ कर दूंगा और दोबारा जीरो बिल आने शुरू हो जाएंगे।

केजरीवाल ने कहा कि वे नेता नहीं हैं। उन्हें राजनीति करनी नहीं आती, सिर्फ ईमानदारी से काम करना आता है, तभी ये सारे पीछे पड़े रहते हैं। दिल्ली में भाजपा की केंद्र सरकार बैठी है, लेकिन केवल दिल्लीवालों को तंग किया है। उनके जेल जाने के बाद से एलजी दिल्ली चला रहे थे, उनके पास सारी शक्तियां थीं, वे चाहते तो दिल्लीवालों के लिए अच्छा काम करते। काम करने की जगह एलजी ने केवल काम रोका। दिल्ली में जगह-जगह कूड़ा कर दिया, सड़कें टूटी हैं व सीवर ओवरफ्लो हो रहे हैं। जेल से बाहर आने के बाद अब वे सारे काम ठीक कर रहे हैं। केजरीवाल वे यह नहीं कहते कि लोग उन्हें वोट दें, लेकिन वोट देने से पहले ये जरूर सोचें कि लोगों के लिए काम कौन कर रहा है। कार्यक्रम में पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन के साथ आप विधायक दिलीप पांडेय, अजेश यादव, संजीव झा, पवन शर्मा और ओबीसी विंग के प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र बालियान मौजूद रहे।

बिजली की मांग बढ़ी, फिर भी कटौती नहीं
केजरीवाल ने कहा कि 10 साल पहले आठ-आठ घंटे के लंबे पावर कट लगते थे। लोगों ने इनवर्टर और जनरेटर खरीद रखे थे। उस समय दिल्ली में 5500 हजार मेगावाट बिजली की मांग थी, आज 8500 मेगावाट बिजली की मांग है। आप सरकार ने ट्रांसफॉर्मर और तारें बदलवाईं। इससे मांग बढ़ने के बाद भी बिजली नहीं जाती है। इस दौरान केजरीवाल ने स्कूल व अस्पताल बेहतर करने की भी बात कही।

कच्ची कालोनियों में हुए ढेरों काम
केजरीवाल ने कहा कि उनकी सरकार ने कच्ची कॉलोनियों में 6200 किलोमीटर सड़कें बनवा दीं। अभी कई गलियां बाकी हैं, उन पर भी काम चल रहा है। इन कॉलोनियों में 10 हजार किलोमीटर पानी की पाइपलाइन व 7500 किलोमीटर सीवर की पाइप लाइन डाली गई। 10 हजार किलोमीटर लंबी नालियां बनवाई हैं। जितनी बच गई हैं, अगले तीन साल में बन जाएंगी। दस साल पहले दिल्ली में 60 फ्लाईओवर बने, जबकि बीते नौ सालों में 38 फ्लाईओवर बना दिए।