मुंबई। न्यूजीलैंड के खिलाफ लगातार तीसरा टेस्ट मैच गंवाने के बाद भारत को 0-3 से इस सीरीज में करारी हार मिली। रोहित शर्मा की अगुआई वाली टीम की इस शिकस्त का सबसे बड़ा कारण बल्लेबाजों का लचर प्रदर्शन रहा। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) भी घर में सूपड़ा साफ होने के बाद भारतीय टीम से खफा है। अब एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद कुछ दिग्गज खिलाड़ियों को इस प्रारूप से संन्यास का एलान करना पड़ सकता है।
भारतीय टीम इस महीने के अंत में शुरू होने वाली पांच मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए ऑस्ट्रेलिया का दौरा करेगी। विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के लिहाज से यह सीरीज भारत के लिए काफी अहम है। फाइनल में पहुंचने के लिए टीम को अब पांच में चार मुकाबले हर हाल में जीतने होंगे जबकि एक मैच ड्रॉ कराना होगा। इस बीच समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट में खुलासा है कि बीसीसीआई डब्ल्यूटीसी के अगले चक्र की शुरुआत से पहले अनुभवी खिलाड़ियों को चरणबद्ध तरीके से बाहर का रास्ता दिखाने की योजना बना सकती है।
इस बात की बहुत अधिक संभावना है कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज रोहित शर्मा, विराट कोहली, रविंद्र जडेजा और रविचंद्रन अश्विन में से कम से कम दो के लिए अंतिम हो सकती है। ये चारों खिलाड़ी अपने अंतरराष्ट्रीय करियर के आखिरी चरण में हैं। जब रोहित से भारत के टेस्ट भविष्य के बारे में उनके विचार पूछे गए तो उन्होंने कहा, देखिए, मुझे नहीं लगता कि हम इतना आगे की सोच सकते हैं। अगली सीरीज पर ध्यान केंद्रित करना महत्वपूर्ण है, जो कि ऑस्ट्रेलिया है।
रिपोर्ट में आगे बताया गया कि बीसीसीआई के दिग्गजों और चयन समिति के अध्यक्ष अजीत अगरकर, मुख्य कोच गौतम गंभीर और कप्तान रोहित के बीच उम्रदराज खिलाड़ियों के साथ टीम के आगे बढ़ने के बारे में अनौपचारिक चर्चा हो सकती है। बीसीसीआई के एक सीनियर अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर पीटीआई से कहा, “इसका निश्चित रूप से आंकलन किया जाएगा और यह अनौपचारिक हो सकता है क्योंकि टीम 10 नवंबर को ऑस्ट्रेलिया के लिए रवाना होगी। यह एक बड़ी हार है लेकिन ऑस्ट्रेलिया सीरीज करीब है और टीम की घोषणा पहले ही हो चुकी है, इसलिए अभी कोई छेड़छाड़ नहीं होगी।”
उन्होंने आगे कहा, “भारत अगर इंग्लैंड में खेले जाने वाले डब्ल्यूटीसी फाइनल के लिए क्वालिफाई नहीं करता है, तो इस बात की काफी संभावना होगी कि इन चारों में से कुछ नाम इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की सीरीज में नहीं होंगे। इन चारों ने घरेलू मैदान पर संभवतः एक साथ अपना आखिरी टेस्ट मैच खेल लिया है।” माना जा रहा है कि बीसीसीआई 2011 की कहानी को दोहराने से बचना चाहता है जब टीम के प्रदर्शन में बड़ी गिरावट आई थी। बोर्ड चयनकर्ताओं, विशेष रूप से अध्यक्ष अगरकर और मुख्य कोच गंभीर को योजना के बारे में दिग्गज क्रिकेटरों से बात करने की आवश्यकता होगी।
भारतीय टीम डब्ल्यूटीसी फाइनल के लिए क्वालिफाई करने की दौड़ में अब भी बनी हुई है। टीम अगर ऐसा करने में नाकाम रही तो अगले डब्ल्यूटीसी चक्र में उसका अभियान इंग्लैंड दौरे पर पांच मैचों की टेस्ट सीरीज से शुरू होगा। इसका आगाज 20 जून से होगा। चयन समिति साई सुदर्शन, देवदत्त पडिक्कल जैसे खिलाड़ियों को मौका देकर दीर्घकालिक संभावनाओं पर विचार करने के लिए मजबूर हो सकती है, जो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के लिए तैयार दिख रहे हैं। वाशिंगटन सुंदर अगले 10 वर्षों के लिए एक मजबूत संभावना के रूप में उभर रहे हैं, ऑस्ट्रेलिया सीरीज समाप्त होने के बाद भारत में अश्विन के भविष्य पर चर्चा हो सकती है।
बेहतर फिटनेस और विदेशी पिचों पर अच्छी बल्लेबाजी करने वाले जडेजा को बरकरार रखा जा सकता है, हालांकि भारतीय परिस्थितियों में अक्षर पटेल के रूप में उनका मजबूत विकल्प तैयार है। इस मामले में मानव सुथार भी तेजी से आगे बढ़ रहे है। रोहित ने फरवरी 2021 के बाद 35 टेस्ट पारियों में 37.18 की औसत से 1210 रन बनाए हैं। पिछली 10 पारियों में वह सिर्फ दो अर्धशतक लगा सके हैं और उन्होंने छह पारियों में 10 से कम रन बनाए हैं। कोहली का प्रदर्शन और निराश करने वाला रहा है। उन्होंने पिछली 25 पारियों में 30.91 की औसत से 742 रन बनाए। रोहित ने इस दौरान रोहत ने जहां चार शतक लगाए तो वहीं कोहली सिर्फ एक शतकीय पारी खेल सके। जसप्रीत बुमराह को टीम का उपकप्तान बनाया गया है लेकिन उनके कार्यभार प्रबंधन को देखते हुए इसे ज्यादा लंबे समय तक नहीं खींचा जा सकता है। शुभमन गिल और ऋषभ पंत में से किसी को टेस्ट टीम की बागडोर सौंपी जा सकती है।