छत्तीसगढ़

जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 पर मचा बवाल! पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती बोलीं- हंगामा क्यों है दर पर चोरी तो नहीं की

जम्मू : जम्मू-कश्मीर विधानसभा का पहला सत्र हंगामेदार रहा, जहां भाजपा और अन्य राजनीतिक दलों के बीच पीडीपी के वहीद-उर-रहमान पारा की ओर से 5 अगस्त 2019 के अनुच्छेद 370 को हटाने के फैसले की निंदा और अस्वीकृति की मांग करने वाले प्रस्तावित प्रस्ताव पर बहस हुई. 370 पर हो रहे हंगामे को लेकर पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा कि हंगामा क्यों है दर पर, चोरी तो नहीं की हमने.

वहीं स्पीकर के पद के लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच पूर्ण सहमति बनी. नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेतृत्व वाली सरकार जहां डिप्टी स्पीकर के पद को लेकर चुप्पी साधे हुए है, वहीं भाजपा ने घोषणा की है कि वह इस पद के लिए भीख नहीं मांगेगी. 

ध्वनि मत से चुने गए स्पीकर

नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता और सात बार विधायक रहे अब्दुल रहीम राथर (80) को ध्वनि मत से नया स्पीकर चुना गया. कृषि मंत्री जावेद अहमद डार ने स्पीकर पद के लिए राथर के नाम का प्रस्ताव रखा, जबकि एनसी के विधायक रामबन अर्जुन सिंह राजू ने पांच दिवसीय सत्र के पहले दिन प्रस्ताव का समर्थन किया. चुनाव के बाद राठेर को सदन के नेता उमर अब्दुल्ला और विपक्ष के नेता भाजपा के सुनील शर्मा ने कुर्सी तक पहुंचाया, लेकिन विधानसभा में डिप्टी स्पीकर के पद को लेकर यह सौहार्द्र ज्यादा दिनों तक नहीं टिक सकता क्योंकि भाजपा ने संकेत दिया है कि अगर उन्हें यह पद नहीं दिया गया तो वह चुनाव लड़ सकती है.

बुधवार को लिया जाएगा डिप्टी स्पीकर के पद पर फैसला

पद्दर-नागसेनी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक और विपक्ष के नेता सुनील शर्मा ने कहा, “संसदीय नियमों के अनुसार विपक्ष को सदन में डिप्टी स्पीकर का पद मिलना चाहिए. हमने स्पीकर के पद के लिए चुनाव नहीं लड़ा और उम्मीद है कि मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला परंपरा को कायम रखेंगे, लेकिन हम डिप्टी स्पीकर के पद के लिए भीख नहीं मांगेंगे.” हालांकि, सूत्रों ने कहा कि डिप्टी स्पीकर के पद पर फैसला बुधवार को लिया जाएगा और जरूरत पड़ी तो इस पद के लिए चुनाव कराया जाएगा, लेकिन भाजपा को यह पद देने के मुद्दे पर भारतीय गठबंधन सहयोगियों के साथ कोई सहमति नहीं बनी है.

नेशनल कॉन्फ्रेंस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “बीजेपी ने पिछले दस सालों में देश में कहीं भी परंपराओं का पालन नहीं किया है. क्या उन्होंने संसद में विपक्ष के प्रति शिष्टाचार दिखाया? परंपरा का दबाव हम पर क्यों होना चाहिए.” उन्होंने कहा कि 99 प्रतिशत संभावना है कि हम खुद पद पर बने रहेंगे या गठबंधन सहयोगियों में से किसी को नियुक्त करेंगे. 

जरूरत पड़ी तो हम इस पद के लिए भाजपा लड़ेगी

सुनील शर्मा ने कहा, “हमारे पास संख्या नहीं है, लेकिन अगर जरूरत पड़ी तो हम इस पद के लिए लड़ सकते हैं.” रविवार को जब बीजेपी ने सुनील शर्मा को जम्मू-कश्मीर विधानसभा का एलओपी चुना तो प्रवक्ता ने आधिकारिक बीजेपी मीडिया ग्रुप में डिप्टी स्पीकर पद के लिए उम्मीदवार के तौर पर सुरेंद्र सिंह का नाम पोस्ट किया. हालांकि, बाद में पार्टी ने आज से शुरू होने वाले आगामी विधानसभा सत्र के लिए पार्टी के दृष्टिकोण को रेखांकित करते हुए नाम वापस ले लिया.