नईदिल्ली : क्रिकेट फैंस के लिए एक खुशखबरी है कि एफ्रो-एशिया कप दोबारा से शुरू होने वाला है. अफ्रीका क्रिकेट एसोसिएशन (ACA) ने बीते शनिवार अपनी वार्षिक बैठक की, जिसमें 6 लोगों की एक अंतरिम समिति का गठन किया गया, जो एशिया और अफ्रीकी क्रिकेटरों को अधिक अवसर प्रदान करने के प्रति कदम उठाएगी. यह समिति अन्य देशों के क्रिकेट संघों से संपर्क साधकर अलग-अलग महाद्वीपों के बीच क्रिकेट टूर्नामेंट करवाने पर जोर देगी. एफ्रो-एशिया कप भी उन्हीं में से एक हो सकता है.
एफ्रो-एशिया कप में एशिया XI और अफ्रीका XI टीम आमने-सामने आती हैं. यह टूर्नामेंट पहली बार 2005 में खेला गया, जिसकी मेजबानी दक्षिण अफ्रीका ने की, वहीं 2007 में इसे भारत ने होस्ट किया था. इसका तीसरा संस्करण साल 2009 में केन्या में होने वाला था, लेकिन उस साल एफ्रो-एशिया कप खेला ही नहीं जा सका. यह टूर्नामेंट इसलिए भी खास हो सकता है क्योंकि इसमें भारत और पाकिस्तानी प्लेयर साथ खेलते हुए नजर आ सकते हैं, जिनके बीच पिछले डेढ़ दशक से कोई द्विपक्षीय सीरीज नहीं खेली गई है.
ईएसपीएन क्रिकइन्फो अनुसार ACA के अंतरिम चेयरमैन तावेंगा मुकुलानी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि क्रिकेट में अधिक अवसरों के अलावा एफ्रो-एशिया कप दोनों पक्षों के लिए आर्थिक दृष्टि से फायदेमंद साबित होगा. मुकुलानी ने कहा, “हमने एशिया क्रिकेट काउंसिल के अधिकारियों से बात की है और साथ ही अफ्रीकी क्रिकेट संघों से भी संपर्क साधा गया है. वे सब एफ्रो-एशिया कप को दोबारा शुरू करने के पक्ष में हैं.”
याद दिला दें कि साल 2005 में हुई तीन मैचों की सीरीज 1-1 से बराबरी पर छूटी थी. उस समय वीरेंद्र सहवाग, शाहिद अफरीदी और सनथ जयसूर्या एकसाथ खेलते दिखे थे. वहीं 2007 में एशिया XI ने 3-0 से अफ्रीका XI का सूपड़ा साफ किया था. इस बार शोएब अख्तर, एमएस धोनी, जहीर खान और मोहम्मद आसिफ जैसे दिग्गजों ने महफिल लूटी थी.