नईदिल्ली : कनाडा ने ऑस्ट्रेलिया टुडे पर प्रतिबंध लगा दिया है. यह प्रतिबंध विदेश मंत्री एस जयशंकर की ऑस्ट्रेलिया में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के प्रसारण के कुछ घंटों बाद लगाया गया. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में जयशंकर ने भारत-कनाडा कूटनीतिक गतिरोध और कनाडा में खालिस्तानी चरमपंथ पर टिप्पणी की थी. मामले पर भारत ने भी कनाडा को लताड़ लगाई है.
भारत ने गुरुवार (07 नवंबर) को कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह कनाडा की ओर से इस चैनल पर प्रतिबंध लगाने के कदम से हैरान है. साथ ही उसने इस बात पर जोर दिया कि यह ओटावा के अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के प्रति पाखंड को उजागर करता है. ऑस्ट्रेलिया टुडे भारतीय समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण आउटलेट है. उसने कैनबरा में जयशंकर और उनके ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष पेनी वोंग की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस को प्रसारित किया था.
क्या कहा रणधीर जायसवाल ने?
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने दिल्ली में वीकली मीडिया ब्रीफिंग में कहा, “हमें पता चला है कि इस विशेष आउटलेट के सोशल मीडिया हैंडल, पेज को ब्लॉक कर दिया गया है और कनाडा में दर्शकों के लिए उपलब्ध नहीं है. यह घटना इस विशेष हैंडल की ओर से एस जयशंकर और पेनी वोंग की प्रेस कॉन्फ्रेंस को प्रसारित करने के एक घंटे या कुछ घंटों बाद हुई. हम हैरान थे. यह हमें अजीब लग रहा है.”
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया क्या कहा था एस. जयशंकर ने?
उन्होंने बताया, “लेकिन फिर भी मैं यही कहूंगा कि ये ऐसी कार्रवाइयां हैं जो एक बार फिर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के प्रति कनाडा के पाखंड को उजागर करती हैं. आपने देखा होगा कि विदेश मंत्री ने मीडिया से बातचीत में तीन बातें कहीं. पहली बात यह कि कनाडा ने आरोप लगाए और बिना किसी ठोस सबूत के एक पैटर्न विकसित हो गया. दूसरी बात जिस पर उन्होंने प्रकाश डाला वह कनाडा में भारतीय राजनयिकों की निगरानी थी, जिसे उन्होंने अस्वीकार्य बताया.”
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने आगे कहा, “तीसरी बात जिस पर उन्होंने प्रकाश डाला, वह थी कनाडा में भारत विरोधी तत्वों को दी गई राजनीतिक जगह. इसलिए आप इससे निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि ऑस्ट्रेलिया टुडे चैनल को कनाडा ने क्यों ब्लॉक किया.”
यह घटना कनाडा के ब्रैम्पटन में एक हिंदू मंदिर में खालिस्तान समर्थकों की ओर से श्रद्धालुओं पर हमला किए जाने के कुछ दिनों बाद हुई है, जिसे जयशंकर ने “बेहद चिंताजनक” बताया है. प्रधानमंत्री ने भी हमले की निंदा की और कहा कि भारतीय राजनयिकों को “डराने” के लिए “कायरतापूर्ण प्रयास” किए गए.