कानपुर। कानपुर की सीसामऊ सीट से समाजवादी पार्टी के निवर्तमान विधायक इरफान सोलंकी और यूपी सरकार की अपीलों पर सुनवाई पूरी हो गई है. सजा पर रोक लगाए जाने और जमानत दिए जाने के मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने अपना जजमेंट रिजर्व किया है. दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद कोर्ट के फैसला सुरक्षित किया.
इरफान सोलंकी,भाई रिजवान सोलंकी व एक अन्य अभियुक्त की अर्जी और यूपी सरकार की अपील पर फैसला सुरक्षित कर लिया गया है. इरफान सोलंकी व अन्य ने 7 साल की सजा पर रोक लगाए जाने और जमानत दिए जाने को लेकर अपील दाखिल की थी.यूपी सरकार की ओर से 7 साल की मिली सजा को उम्र कैद में बदले जाने की मांग की गई है जबकि इरफान सोलंकी व सजा पाए अन्य लोगों ने सजा को किए जाने की मांग की है .
अदालत का अंतिम फैसला आने तक जमानत दिए जाने और सजा पर रोक लगाए जाने की भी गुहार लगाई है. सजा पर रोक और जमानत के बिंदु पर हाईकोर्ट में पिछले चार दिनों से सुनवाई चल रही थी. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों हाईकोर्ट को अपील 10 दिन में निस्तारित करने का आदेश दिया था.
सात साल की सुनाई गई थी सजा
सोलंकी बंधुओं को कानपुर की एक महिला का घर जलाने के केस में एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट ने सात साल की सजा सुनाई थी. जस्टिस राजीव गुप्ता और जस्टिस सुरेंद्र सिंह प्रथम की डिवीजन बेंच ने फैसला सुरक्षित किया है.
अगले हफ्ते हाईकोर्ट से फैसला आ सकता है. हाईकोर्ट से अगर इरफान सोलंकी की सजा पर रोक लग जाती है तो उनकी विधानसभा की सदस्यता बहाल हो जाएगी और सीसामऊ सीट पर हो रहा उपचुनाव भी रुक जाएगा.
हाईकोर्ट का जजमेंट रिजर्व होने के बाद सीसामऊ सीट के उपचुनाव पर सस्पेंस बढ़ गया है. उपचुनाव रुकेगा या जारी रहेगा यह हाईकोर्ट के फैसले पर निर्भर करेगा. अगर फैसला इरफान सोलंकी के पक्ष में आता है तो 20 नवंबर को होने वाले मतदान में सिर्फ 8 सीटों पर ही वोटिंग होगी.