छत्तीसगढ़

प्रधानमंत्री कार्यालय में अतिरिक्त सचिव बताकर CRPF सुरक्षा में श्रीनगर घूमने वाले ठग पर कार्रवाई, ईडी ने दायर की शिकायत

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नई दिल्ली। गत वर्ष श्रीनगर में किरण पटेल को लेकर एक सनसनीखेज मामला सामने आया था। ठग किरण पटेल ने खुद को प्रधानमंत्री कार्यालय में ‘अतिरिक्त सचिव’ बताया। इसके बाद उसे जम्मू कश्मीर में सीआरपीएफ सुरक्षा कवच मुहैया कराकर पांच सितारा होटल में ठहराया गया। सीआरपीएफ सुरक्षा में उसने श्रीनगर की खूबसूरत वादियों की सैर करते हुए रील बनाई। बाद में पता चला कि वो तो एक ठग है। भांडा फूटने पर उसके खिलाफ कई मामले दर्ज हुए। उसे गिरफ्तार किया गया। ईडी ने उसे आदतन घोटालेबाज बताया। उसके खिलाफ ईडी ने 28 अक्तूबर को विशेष न्यायालय (पीएमएलए), श्रीनगर में अभियोजन शिकायत (पीसी) दायर की थी। यह शिकायत धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत दायर की गई है। शिकायत पर संज्ञान लेते हुए किरण पटेल को 27 नवंबर को कोर्ट के समक्ष पेश होने का नोटिस जारी किया गया है। 

ईडी ने गत वर्ष आईपीसी, 1860 की विभिन्न धाराओं के तहत अपराध के लिए किरण पटेल और अन्य के खिलाफ निशात पुलिस स्टेशन, श्रीनगर द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की थी। पटेल के विभिन्न परिसरों पर तलाशी अभियान चलाया गया। वहां से आपत्तिजनक दस्तावेज/रिकॉर्ड और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए गए थे। ईडी की जांच से पता चला कि किरण पटेल एक जालसाज है। उसने खुद को अतिरिक्त निदेशक (रणनीति और अभियान), पीएमओ के रूप में पेश किया। लोगों को धोखा देने और अपराध की आय उत्पन्न करने के अपने गुप्त उद्देश्यों को पूरा करने के लिए उसने धोखाधड़ी से नकली विजिटिंग कार्ड बनवाए। 

इसके अलावा, उक्त फर्जी विजिटिंग कार्ड और प्रतिरूपण का उपयोग करके, पटेल न केवल केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर सरकार के प्रशासन से अवैध रूप से सुरक्षा का लाभ उठाया, बल्कि दूसरे कई काम भी करा लिए। पटेल की गतिविधियों से राज्य को संसाधनों की हानि हुई। राज्य के खजाने को मौद्रिक नुकसान हुआ। इतनी नहीं, किरण पटेल ने भोले-भाले गुजरात के अनेक लोगों को भी धोखा दिया। उसने व्यवसायियों को कश्मीर घाटी में व्यवसाय के अवसर प्रदान करने का झूठा वादा कर अनुचित लाभ प्राप्त किया।  

बता दें कि गत वर्ष यह मामला काफी तूल पकड़ गया था। विपक्षी दलों ने इस केस को लेकर केंद्र सरकार और जम्मू कश्मीर प्रशासन पर खूब निशाना साधा था। कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने तो किरण पटेल को लेकर प्रेसवार्ता में केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे। ठग किरण पटेल ने प्रधानमंत्री कार्यालय का एक शीर्ष अधिकारी बताकर जम्मू-कश्मीर में शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठकें की थीं। तब भी उसका असली रूप सामने नहीं आ सका। जब मामला खुला तो उसे श्रीनगर से गिरफ्तार कर लिया गया। तब वह कश्मीर घाटी में अपनी तीसरी यात्रा पर था। पिछले साल मार्च के पहले सप्ताह में उसे सतर्क सुरक्षा अधिकारियों ने पकड़ा था। पटेल ने वहां के प्रशासन के समक्ष दावा किया था कि उसे दक्षिण कश्मीर में सेब के बागों के लिए खरीदारों की पहचान करने का काम सौंपा गया है। इस मामले में किरण पटेल की पत्नी मालिनी पटेल को अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार था। 

22 मार्च को किरण पटेल और उसकी पत्नी मालिनी पटेल के खिलाफ एक वरिष्ठ नागरिक का बंगला हड़पने की कोशिश करने के आरोप में धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया। अहमदाबाद क्राइम ब्रांच की एक टीम, किरण पटेल को जम्मू-कश्मीर भी ले गई थी। पटेल के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला जम्मू-कश्मीर पुलिस की एक प्राथमिकी के आधार पर दर्ज किया गया था। ईडी का आरोप है कि किरण पटेल ने स्वयं को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में अतिरिक्त निदेशक बताकर कई लोगों से ठगी की है। 19 मई 2023 की छापेमारी में उसके ठिकानों से अचल संपत्ति के दस्तावेज और अन्य संदिग्ध सामग्री बरामद की गई थी। ईडी ने कहा था, जम्मू-कश्मीर और अन्य जगहों पर उसकी गतिविधियों के संबंध में जांच की जा रही है। किरण और उसके सहयोगियों-जय सवजीभाई सीतापारा, हार्दिक किशोरभाई चंद्रना, विठ्ठलभाई मोतीभाई पटेल, अमित पांड्या और पीयूष कांतिभाई वसीता से संबंधित जांच में गुजरात के अहमदाबाद, गांधीनगर, मोरबी और मेहसाणा में कुल 12 स्थानों पर छापेमारी की गई थी।