नईदिल्ली : विलय समझौते के तहत विस्तारा एयरलाइंस सोमवार को आखिरी उड़ान भरेगी। इसके बाद इसके बेड़े का संचालन एअर इंडिया समूह की तरफ से किया जाएगा। बुकिंग भी एअर इंडिया के ही जरिये होगी। यह विलय प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब एअर इंडिया ही एकमात्र पूर्ण सेवा वाहक (एफएससी) विमानन कंपनी रह जाएगी।
विस्तारा में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने वाली सिंगापुर एयरलाइंस के पास विलय के बाद एयर इंडिया में 25.1 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी। इस विलय के साथ ही प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) मानदंडों के उदारीकरण के बाद बनी एक विदेशी एयरलाइन के संयुक्त स्वामित्व वाली एक और भारतीय एयरलाइन खत्म हो जाएगी। देश में पिछले 17 वर्षों के दौरान पांच पूर्ण सेवा एयरलाइंस अपनी सेवाओं को अलविदा कह चुकी हैं।
वर्ष 2012 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार ने विदेशी एयरलाइंस को एक घरेलू एयरलाइन में 49 प्रतिशत तक हिस्सेदारी खरीदने की अनुमति दी थी। इसके बाद अब बंद हो चुकी जेट एयरवेज में खाड़ी क्षेत्र की एयरलाइन एतिहाद ने 24 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल की। दूसरी ओर एयरएशिया इंडिया और विस्तारा का जन्म हुआ।
विस्तारा पिछले 10 वर्षों में परिचालन शुरू करने वाली एकमात्र पूर्ण सेवा वाहक भी है। वर्ष 2007 में पूर्ण पूर्ण सेवा वाहक (एफएससी) इंडियन एयरलाइंस के एअर इंडिया के साथ विलय के बाद से कम से कम पांच एफएससी ने भारत में शुरुआत की। हालांकि, समय के साथ किंगफिशर और एयर सहारा गायब हो गए। किंगफिशर 2012 में बंद हो गई, जबकि एयर सहारा का जेट एयरवेज ने अधिग्रहण किया।
विस्तारा विलय: एयर इंडिया के पायलटों का एक वर्ग सेवानिवृत्ति की अलग उम्र को लेकर नाराज
एयर इंडिया और विस्तारा के विलय से पहले एयर इंडिया के पायलटों का एक तबका टाटा समूह के स्वामित्व वाली दोनों एयरलाइंस के पायलटों के लिए सेवानिवृत्ति की अलग-अलग आयु सीमा को लेकर नाखुश है। सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि प्रबंधन ने अभी तक इस मुद्दे का समाधान नहीं किया है। विस्तारा का सोमवार को एयर इंडिया के साथ विलय हो जाएगा।
वर्ष 2022 की शुरुआत में टाटा के स्वामित्व में आई एयर इंडिया के पायलटों एवं अन्य कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु 58 वर्ष है। वहीं टाटा समूह की ही दूसरी एयरलाइन विस्तारा में यह सीमा 60 वर्ष है। सूत्रों ने कहा कि एयर इंडिया के पायलटों के एक वर्ग में नाराजगी बढ़ रही है, क्योंकि प्रबंधन ने अभी तक विलय के बाद बनी इकाई के लिए एकसमान सेवानिवृत्ति आयु तय नहीं की है। एयर इंडिया ने इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं की। सूत्रों ने कहा, ”विस्तारा विलय से पहले एयर इंडिया के पायलटों के एक वर्ग में सेवानिवृत्ति की आयु सीमा को लेकर काफी नाराजगी है।”
नाम न बताने की शर्त पर एक सूत्र ने कहा कि प्रबंधन ने दो अलग-अलग सेवानिवृत्ति आयु सीमाओं के मुद्दे का अभी तक समाधान नहीं किया है। मौजूदा डीजीसीए नियमों के तहत एक पायलट 65 वर्ष की आयु तक सेवा में रह सकता है।एयर इंडिया ने इस साल अगस्त में कहा था कि वह चुनिंदा पायलटों को सेवानिवृत्ति के बाद पांच साल की अवधि के लिए अनुबंध के आधार पर बनाए रखेगी।