मुम्बई : महाराष्ट्र में भाजपा पर लगे पैसे बांटने के आरोप पर विपक्ष ने हमला बोला है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी, शिवसेना उद्धव के प्रमुख उद्धव ठाकरे, कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल और एनसीपी नेता सुप्रिया सुले ने भाजपा और चुनाव आयोग पर सवाल उठाए। राहुल गांधी ने एक्स पर पोस्ट में लिखा कि मोदी जी यह पांच करोड़ किसके सेफ से निकला है? जनता का पैसा लूटकर आपको किसने टेंपो में भेजा? उन्होंने कांग्रेस की ओर से एक्स पर पोस्ट किया गया वीडियो भी साझा किया।
वहीं शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे ने कहा कि मामले में सबूतों के आधार पर कार्रवाई होनी चाहिए। अन्यथा महाराष्ट्र खुद ही कार्रवाई करेगा। मैंने भगवान से प्रार्थना की कि महाराष्ट्र में भ्रष्ट राक्षसों का राज खत्म हो। मैंने प्रार्थना की है कि ऐसी सरकार आए जो महाराष्ट्र की संस्कृति को संवारेगी।
वहीं एनसीपी शरद गुट से सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि इतनी बड़ी पार्टी का एक राष्ट्रीय नेता पैसे बांट रहा है, यह काफी चौंकाने वाला है। यह लोकतंत्र के लिए बहुत खतरनाक है। अगर लोग पैसे बांटकर चुनाव जीतना चाहते हैं तो हम जैसे लोगों को क्या करना चाहिए? इस देश में नैतिकता है या नहीं? मैं सार्वजनिक रूप से पैसे बांटने की इस घटना की निंदा करती हूं। इसकी जांच होनी चाहिए।
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि वे भाजपा के महासचिव हैं और चुनाव आयोग उनके खिलाफ कुछ नहीं करने जा रहा है। वैसे चुनाव आयोग ने अब तक क्या कार्रवाई की है? इसका स्पष्ट सबूत है और भाजपा नेता रंगे हाथों पकड़े गए हैं। कानून का शासन सभी पर लागू होना चाहिए। अगर कोई व्यक्ति रंगे हाथों पकड़ा जाता है, तो उसे तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए। महाराष्ट्र के लोग ध्यान दें कि यह इस बात का संकेत है कि भाजपा कहां खड़ी है? लोग इन चीजों पर स्पष्ट फैसला देंगे।
शिवसेना (उद्धव) नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने वीडियो जारी करते हुए आरोप लगाया कि विरार के होटल में भाजपा के वरिष्ठ नेता विनोद तावड़े नकदी बांटते हुए पाए गए। वीडियो में नकदी के ढेर दिखाई दे रहे हैं। यह पांच करोड़ रुपये के बराबर हैं। एक डायरी भी मिली है। इसमें पैसे पाने वालों के नाम दर्ज हैं। चुनाव से 24 घंटे से भी कम समय रह गया है। विनोद तावड़े का होटल में नकदी के साथ होना इस बात का स्पष्ट संकेत है कि उन्हें लगता है कि वह पैसे बांटकर चुनाव जीत जाएंगे।
प्रियंका ने कहा कि हम पहले दिन से ही यह कहते आ रहे हैं कि चुनाव आयोग को स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की पहल करनी चाहिए। गुजरात और दिल्ली से ट्रक में भरकर आए पैसे बिना जांच के ही चले गए। छापेमारी चुनाव आयोग ने नहीं बल्कि उस निर्वाचन क्षेत्र के लोगों ने की है। भारतीय जनता पार्टी केवल पैसे के बल पर चुनाव जीती है। यदि चुनाव आयोग स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव रखना चाहता है, तो उन्हें कार्रवाई करनी चाहिए। भाजपा भी इस तरह के खुलेआम पैसे बांटने की कीमत चुकाए।
मामले को लेकर वसई के जोन-2 की पुलिस उपायुक्त पूर्णिमा चौगुले ने कहा कि भाजपा और बहुजन विकास अघाड़ी के कार्यकर्ता यहां अलग-अलग मंजिलों पर मौजूद थे। यहां से कुछ पैसे और कुछ डायरियां बरामद की गई हैं। दो एफआईआर दर्ज की गई हैं। अवैध रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस करने के लिए तीसरी एफआईआर भी दर्ज की जा रही है। स्थिति नियंत्रण में है।
महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि हमें बताया गया है कि विनोद तावड़े के पास से एक डायरी बरामद हुई है। इसमें पता चला है कि 10 करोड़ रुपये पहले ही बांटे जा चुके हैं। कल भी उनके पास से पांच करोड़ रुपये नकद बरामद किए गए। मुझे उम्मीद है कि चुनाव आयोग ने भाजपा नेताओं के लिए कोई नया नियम नहीं बनाया है। उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। वे पहले वोट जिहाद की बात कर रहे थे, लेकिन अब नोट जिहाद का सहारा ले रहे हैं। अब कोई भी उन पर और उनके बहानों पर विश्वास नहीं करेगा। जब चुनाव प्रचार समाप्त हो गया, तो विनोद तावड़े अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को पत्र क्यों बांट रहे थे?
बहुजन विकास अघाड़ी के नेता हितेंद्र ठाकुर ने कहा कि एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने मुझे जानकारी दी कि पैसे बांटे जाएंगे। मुझे पुलिस और चुनाव आयोग से कार्रवाई की कोई उम्मीद नहीं है। पुलिस और प्रशासन ने मुझे विनोद तावड़े को यहां से जाने में मदद करने के लिए कहा क्योंकि उनकी कार खराब हो गई थी।
एनसीपी शरद गुट के नेता क्लाइड क्रैस्टो ने कहा कि नालासोपारा से जो वीडियो सामने आए हैं, उनसे यह बिल्कुल स्पष्ट है कि भाजपा महासचिव विनोद तावड़े वोट पाने के लिए पैसे बांट रहे थे। यह एक गंभीर अपराध है। चुनाव लोकतंत्र का हिस्सा हैं और लोगों की आवाज़ विनोद तावड़े खरीदने की कोशिश कर रहे हैं। मेरा मानना है कि एफआईआर पहले ही दर्ज हो चुकी है, लेकिन यह यहीं नहीं रुकनी चाहिए। अगर उन्होंने यह अपराध किया है, तो उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए। चुनाव आयोग को इसे गंभीरता से लेना चाहिए। पिछले दिनों में महाराष्ट्र में जहां भी पैसे बरामद हुए हैं, वहां भाजपा के लोग शामिल रहे हैं।