नईदिल्ली : बीजू जनता दल ने अदाणी समूह के साथ ओडिशा में बिजली खरीद समझौतों से संबंधित रिपोर्टों का खंडन किया है। पार्टी ने सभी आरोपों को ‘निराधार और गलत’ बताया है। पार्टी ने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 2021 में बिजली खरीद समझौता दो सरकारी एजेंसियों के बीच था। किसी भी प्राइवेट पार्टी के बीच यह समझौता नहीं किया गया था।
बीजद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, “यह केंद्र सरकार की एक योजना का हिस्सा है जिसे ‘मैन्युफैक्चरिंग लिंक्ड सोलर स्कीम’ कहा जाता है। यह समझौता एसईसीआई द्वारा 500 एमडब्यू नवीकरणीय ऊर्जा खरीदने के लिए था। अदाणी समूह समेत किसी भी प्राइवेट पार्टी के बीच यह समझौता नहीं किया गया था।”
वाईएसआरसीपी पर भी लगे आरोप
इससे पहले आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने भी अदाणी समूह पर लगे आरोपों पर प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने बताया कि उनके पास पिछली वाईएसआरसीपी सरकार और अदाणी समूह से जुड़े रिश्वत घोटाले से संबंधित अमेरिका में दायर चार्जशीट रिपोर्ट है। सीएम नायडू ने बताया कि पांच महीनों से 2019 से लेकर 2024 के बीच हुए भ्रष्टाचार के आरोपों पर टीडीपी सरकार चर्चा कर रही है। वाइएसआरसीपी सरकार और अदाणी समूह पर लगे आरोपों पर सीएम नायडू ने कहा कि इससे दक्षिणी राज्य की छवि को नुकसान पहुंचा है। हालांकि, वाईएसआरसीपी ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज कर दिया। पार्टी ने बताया कि अदाणी समूह के साथ कोई सीधा समझौता नहीं हुआ है।
क्या है मामला
भारत के दूसरे सबसे अमीर शख्स गौतम अदाणी सहित सात लोगों पर अमेरिका के न्याय विभाग ने आरोप लगाया है कि उन्होंने आंध्र प्रदेश और ओडिशा सरकार के अधिकारियों को महंगी सौर उर्जा खरीदने के लिए रिश्वत दी। इससे अदाणी समूह को अदाणी समूह को अगले बीस वर्षों में दो अरब डॉलर से ज्यादा का मुनाफा हो सकता था। हालांकि, अदाणी समूह ने इन आरोपों को खारिज किया है और कहा है कि अमेरिकी अभियोजकों के आरोप बेबुनियाद हैं और समूह सभी कानूनों का पालन करता है।