मुम्बई : एनसीपी प्रमुख शरद चंद्र पवार ने आखिरकार विधानसभा नतीजे पर अपनी चुप्पी तोड़ी है. शरद पवार रविवार को कराड में प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने कहा कि हम (एमवीए) लोकसभा के नतीजों के बाद अधिक आश्वस्त थे; ऐसा लगता है कि हमें और अधिक काम करने की जरूरत थी. इस चुनाव में शरद पवार की एनसीपी को सिर्फ 10 सीटों पर जीत मिली है. खासकर चुनाव से पहले कई लोगों ने भविष्यवाणी की थी कि शरद पवार की पार्टी महाविकास अघाड़ी में सबसे बड़ी पार्टी बन सकती है. लेकिन चुनाव नतीजों में उनकी पार्टी सबसे छोटी पार्टी बन गई है.
नतीजे घोषित होने के बाद शरद पवार ने कल पूरे दिन कुछ नहीं बोला था. रविवार को शरद पवार ने चुनाव के नतीजों पर अपनी चुप्पी तोड़ी.शरद पवार ने कहा कि यह निर्णय वह नहीं है जिसकी हमें उम्मीद थी. अंततः यह लोगों का निर्णय है, इसलिए जब तक मेरे पास कोई आधिकारिक जानकारी नहीं आ जाती, मैं वर्तमान व्यवस्था पर कोई टिप्पणी नहीं कर रहा था. फैसला जनता ने किया.
उन्होंने कहा किवह कई वर्षों से सार्वजनिक जीवन में हैं. ऐसा फैसला कभी नहीं आया था. अब अगर यह आया है तो इसका अध्ययन करना होगा. इसके कारणों को ढूंढना होगा. यह समझना है कि वास्तव में यह क्या है और एक बार फिर से जाकर लोगों के बीच नए उत्साह के साथ खड़े होना है. मैं और मेरे सहकर्मी तय करेंगे कि क्या करना है.
महिलाओं का नहीं मिला समर्थन
शरद पवार ने कहा कि लोगों से कार्यकर्ताओं से जो जानकारी मिल रही है. प्रिय बहन की बात लोगों से सुनने को मिल रही है. यह एक महत्वपूर्ण कारण है. कुछ राशि सीधे महिलाओं की जेब में दी गई. इसका प्रचार भी किया गया. हम ढाई माह से राशि का भुगतान कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर हम सत्ता में नहीं हैं तो यह बंद हो जाएगा. महिलाओं को चिंता थी कि यह बंद हो जायेगा. इसलिए, प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि इन महिलाओं ने हमारे खिलाफ मतदान किया.
शरद पवार ने कहा किमौजूदा आंकड़े बताते हैं कि महिलाओं का मतदान प्रतिशत 2.1 प्रतिशत बढ़ा है. लोकसभा चुनाव में जिस तरह की भूमिका लोगों ने निभाई. हमें लोगों पर थोड़ा अधिक भरोसा था. उस अधिक आत्मविश्वास के कारण, उन्होंने यथासंभव आक्रामक ढंग से प्रचार करने का प्रयास किया।.अधिक आक्रामक प्रचार की आवश्यकता थी.
अजित के खिलाफ योगेंद्र को उतारना गलत फैसला नहीं
उन्होंने कहा कि मैने पूरे राज्य में यात्रा की. वहां कांग्रेस और उद्धव ठाकरे के उम्मीदवार भी थे. जहां हमारा प्रत्याशी था, वहां दूसरे दलों के कार्यकर्ताओं ने भी समर्थन किया. सभी ने कड़ी मेहनत की. लेकिन नतीजा हमारे खिलाफ गया.
शरद पवार ने कहा कि मैंने ईवीएम के संबंध में कुछ सहयोगियों की राय सुनी, लेकिन मेरे पास इसके बारे में कोई प्रामाणिक जानकारी नहीं है. तब तक मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा. लोग कहते हैं कि पैसा इतना बांटा गया है जितना पहले कभी नहीं बांटा गया’.
उन्होंने कहा कि बारामती में अजित पवार के खिलाफ युगेंद्र पवार को मैदान में उतारना कोई गलत फैसला नहीं था; किसी को तो चुनाव लड़ना ही था. योगेंद्र और अजित पवार के बीच कोई तुलना नहीं है.