अयोध्या: रामनगरी रामबरात की तैयारी में लीन है। रामबरात 26 नवंबर की सुबह नौ बजे कारसेवकपुरम से प्रस्थान करेगी। रामबरात को लेकर रथ सजाने में कारसेवकपुरम में 10 कारीगर जुटे हुए हैं। श्रीसीताराम का विवाह संपन्न कराने के लिए तिरुपति से 40 वैदिक ब्राह्मण भी आ रहे हैं। ये वैदिक ब्राह्मण सीधे जनकपुर पहुंचेंगे और श्रीसीताराम का विवाह संपन्न कराएंगे। अयोध्या से लेकर जनकपुर तक विवाह की तैयारियां ऐसी हैं कि त्रेतायुग के रामबरात की स्मृति जीवंत हो उठेगी।
रामचरित मानस के बालकांड में वर्णित चौपाई भी जीवंत हो रही है। रथ सारथिन्ह बिचित्र बनाए, ध्वज पताक मनि भूषन लाए, चवंर चारु किंकिनि धुनि करहीं। भानु जान सोभा अपहरहीं…सारथियों ने ध्वजा, पताका, मणि और आभूषणों को लगाकर रथों को बहुत विलक्षण बना दिया है। उनमें सुंदर चंवर लगे हैं और घंटियां सुंदर शब्द कर रही हैं। वे रथ इतने सुंदर हैं, मानो सूर्य के रथ की शोभा को छीने लेते हैं। कुछ इसी तरह से रामबरात लेकर जाने वाले रथ भी सज रहे हैं। कोई रथों के मंडप को आकार दे रहा है तो कोई मंडप पर कलश सजाने में जुटा है।
रामबरात की तैयारी देख रहे विहिप के केंद्रीय मंत्री राजेंद्र सिंह पंकज मौके स्वयं मौजूद रहकर तैयारियों की प्रगति देख रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस बार की रामबरात कई मायनों में खास होने वाली है। अयोध्या से लेकर जनकपुर तक उल्लास छाया है। यह रामबरात 2004 से पांच वर्ष के अंतराल पर जाती रही है, लेकिन इस वर्ष रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली रामबरात के चलते उत्साह कई गुना अधिक है। बरात कारसेवकपुरम में महायज्ञ की परिक्रमा करते हुए मणिरामदास की छावनी से लता चौक होते हुए प्रस्थान करेगी। वशिष्ठ की भूमिका में महंत डॉ़ रामेश्वर दास वैष्णव शामिल होंगे। इसके अलावा महंत कमल नयन दास सहित 50 से अधिक साधु-संत बराती के रूप में शामिल होंगे।
पहली बार होगा कल्याण महामहोत्सव
राजेंद्र सिंह पंकज ने बताया कि अयोध्या से चार रथ जाएंगे। एक रथ में देश के 51 तीर्थों का जल होगा, इस रथ का नाम तीर्थ रथ होगा। दो रथ में भगवान के चारों भाईयों के स्वरूप रहेंगे, वे धर्मरथ कहलाएंगे। चौथे रथ में श्रीसीताराम की विवाह मूर्तियां रहेंगी, जो कल्याण महामहोत्सव रथ होगा। इन विवाह मूर्तियों का 51 तीर्थों के जल से अभिषेक भी होगा। जनकपुर में कलेवा के बाद सीता राम की विवाह मूर्ति का भव्य अभिषेक किया जाएगा। पहली बार कल्याण महामहोत्सव का आयोजन हो रहा है।
17 प्रांतों के बराती बनेंगे विवाह के साक्षी
रामबरात में 17 प्रांतों के बराती शामिल होंगे। विहिप के केंद्रीय मंत्री ने बताया कि दक्षिण भारत के चारों प्रांतों आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु के अलावा बरात में मध्यप्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़ व महाराष्ट्र सहित उत्तरप्रदेश के विभिन्न जिलों से बराती शामिल होंगे। बताया कि अब तक 150 से अधिक लोगों का रजिस्ट्रेशन हो चुका है। बरात अयोध्या से छोटे स्वरूप में निकलेगी लेकिन जनकपुर पहुंचते-पहुंचते यह बड़ा स्वरूप धारण कर लेगी। रास्ते में भी बराती शामिल होंगे। बरातियों की संख्या 500 से अधिक होने की संभावना है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ़ मोहन सिंह यादव व संघ प्रमुख मोहन भागवत भी बरात में शामिल हो सकते हैं।
अयोध्या पहुंचा महाकाल का प्रसाद
जनकपुर वासियों के लिए अयोध्या से महाकाल व रामलला का प्रसाद भी जा रहा है। मध्यप्रदेश सरकार की ओर से महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति ने 1,11,111 लड्डू प्रसाद स्वरूप अयोध्या भेजा है। शनिवार की देर रात ट्रक से यह लड्डू अयोध्या पहुंचा है। विवाह के बाद जनकपुर में यह प्रसाद स्वरूप सभी को बांटा जाएगा।