नईदिल्ली : राजधानी में वायु गुणवत्ता में सुधार आने के बाद ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) तीन और चार की पाबंदियों में ढील शुरु हो गई है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने कोर्ट के आदेश के बाद एनसीआर की राज्य सरकारों से हाइब्रिड मोड में कक्षाएं संचालित करने पर विचार करने को कहा है।
कहा है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि स्कूलों, कॉलेजों व शैक्षणिक संस्थानों में दोनों मोड में जहां भी ऑनलाइन मोड संभव हो वहीं किया जाए। पढ़ाई के लिए ऑनलाइन मोड का उपयोग करने का विकल्प छात्रों और उनके अभिभावकों के पास होगा। सीएक्यूएम की उप समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया है।
आयोग कहना है कि कक्षाएं ऑनलाइन होने से बड़ी संख्या में छात्र मिड-डे मील, ऑनलाइन कक्षाओं का लाभ नहीं उठा पा रहे थे। साथ ही, सामने आ रहा है कि ग्रेप की पाबंदियों से शैक्षणिक गतिविधियों और शिक्षा की गुणवत्ता पर प्रभाव पड़ता है। इसमें भी खासकर कक्षा 10वीं और 12वीं के छात्रों की पढ़ाई प्रतिबंधों से सबसे अधिक प्रभावित हो रही है। उन्हें बोर्ड परीक्षाओं और उसके बाद होने वाली विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में इन छात्रों की व्यावहारिक कक्षाओं और परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए ऑफलाइन कक्षाओं में उपस्थित होना आवश्यक है। 18 नवंबर को खतरनाक स्तर के प्रदूषण को देखते हुए स्कूलों को ऑनलाइन कक्षाएं चलाने का निर्देश दिया गया था। स्कूल के प्रधानाचार्य को यह सुनिश्चित करना है कि माता-पिता को तुरंत सूचित किया जाए।