छत्तीसगढ़

सीएम पद नहीं छोड़ना चाहता शिंदे गुट? अजित पवार गुट से किया संपर्क, एक घंटे तक चर्चा

मुम्बई : शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री पद हाथ से जाने नहीं देना चाहते हैं. सूत्रों के मुताबिक एकनाथ शिंदे कैंप ने अजित पवार गुट से मुख्यमंत्री पद के लिए समर्थन मांगने के लिए संपर्क किया है. सोमवार (25 नवंबर) को शिंदे गुट और अजित पवार गुट के बीच इसको लेकर करीब एक घंटे तक चर्चा हुई.

सूत्रों की मानें तो अजित पवार गुट ने इस पर कोई फैसला नहीं लिया है, क्योंकि अजित पवार गुट बीजेपी के सीएम को लेकर पहले ही राजामंदी जता चुका है. अगले 48 घंटे में सीएम फेस की तस्वीर साफ हो जाएगी.दरअसल, एकनाथ शिंदे ने मंगलवार (26 नवंबर) को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. जब वो राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को अपना इस्तीफा देने पहुंचे तब दोनों डिप्टी सीएम उनके साथ मौजूद थे. राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने एकनाथ शिंदे से अगली सरकार की शपथ तक कार्यवाहक सीएम बने रहने को कहा है.

शिंदे गुट हुआ एक्टिव
इस बीच महाराष्ट्र के अगले सीएम को लेकर गहमागहमी जारी है, क्योंकि इधर एकनाथ शिंदे ने इस्तीफा दिया उधर शिंदे गुट के सांसद उन्हें फिर से मुख्यमंत्री बनाने की फिल्डिंग में जुट गए हैं. शिवसेना शिंदे गुट के सांसदों ने प्रधानमंत्री से मिलने का समय मांगा है.

रामदास अठावले ने क्या कहा?
दूसरी तरफ देवेंद्र फडणवीस के समर्थक उन्हें सीएम बनाने की मांग कर रहे हैं. इस बीच एक बड़ा दावा केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने कहा, “महाराष्ट्र में सीएम पद पर जारी सस्पेंस जल्द ही खत्म हो जाएगा. बीजेपी आलाकमान ने फैसला कर लिया है कि देवेंद्र फडणवीस को सीएम बनाया जाए. हालांकि, एकनाथ शिंदे इस फैसले से खुश नहीं हैं और उनकी नाराजगी दूर की जानी चाहिए, लेकिन बीजेपी ने इतनी सीटें जीती हैं कि वह भी नहीं मानेगी.”

सीएम पद के लिए हो सकते हैं ये दो फार्मूले 
वहीं सोमवार (25 नवंबर) को देवेंद्र फडणवीस के दिल्ली आने के बाद हलचल तेज हुई थी. हालांकि अब वो वापस मुंबई लौट चुके हैं. सीएम पद को लेकर मुंबई में बैठकों का कई दौर चला, लेकिन बात तो दिल्ली से फाइनल होनी है. क्योंकि सियासी गलियारों में चर्चा है कि महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद के लिए एक सीएम और दो डिप्टी सीएम का फॉर्मूला जारी रह सकता है. वहीं, ढाई-ढाई साल के सीएम पद की भी थ्योरी सामने आ रही है, लेकिन अभी ये सिर्फ अटकलबाजी है, क्योंकि आखिरी मुहर दिल्ली से लगनी है.