छत्तीसगढ़

पीसीबी के अध्यक्ष ने दिए गोली मारने के आदेश, पाकिस्तान में बड़ा बवाल, चैंपियंस ट्रॉफी पर खतरा

नईदिल्ली : पाकिस्तान में अगले साल चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन होना है, जिसको लेकर फिलहाल टकराव बरकरार है. भारत सरकार ने पाकिस्तान में सुरक्षा के खतरे का हवाला देकर टीम इंडिया को पाकिस्तान भेजने से इनकार कर दिया है लेकिन पाकिस्तानी बोर्ड टूर्नामेंट को हाइब्रिड मॉडल में आयोजित करने की मांग नहीं मान रहा. पीसीबी के चेयरमैन मोहसिन नकवी सुरक्षा को लेकर लगातार बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं लेकिन अब उन्होंने ही अचानक पाकिस्तानी सेना को गोली मारने के आदेश दे दिए हैं. जिस वजह से उन्होंने ये आदेश दिए हैं, वो बहुत चौंकाने वाली है, जिससे पाकिस्तान में चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन मुश्किल में पड़ सकता है.

पाकिस्तान में बवाल, गोली मारने के आदेश

असल में इस वक्त पाकिस्तान की आंतरिक स्थिति बुरी तरह बिगड़ी हुई है. करीब 3 महीने बाद होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी से पहले ही पाकिस्तान में इस वक्त हिंसा के हालात बन गए हैं. पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की जेल से रिहाई की मांग को लेकर उनकी पार्टी पीटीआई के समर्थक सड़कों पर उतर आए हैं और उन्होंने राजधानी इस्लामाबाद का घेराव कर लिया, जिसके बाद वहां सुरक्षाकर्मियों और कार्यकर्ताओं में हिंसक झड़प हो गई.

पाकिस्तान से आ रही रिपोर्ट्स के मुताबिक, लॉकडाउन नाकाम होने के बाद पैरामिलिट्री रेंजर्स ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस और रबर बुलेट से फायर किए, जिससे हालात बेकाबू हो गए. प्रदर्शनकारी सीधे सुरक्षाबलों पर टूट पड़े और इसके बाद हुई हिंसा में 4 पाकिस्तानी रेंजर मारे गए. इसके बाद ही मोहसिन नकवी ने प्रदर्शनकारियों को गोली का जवाब गोली से देने की चेतावनी जारी कर दी और सेना को तैनात करते हुए ‘शूट एट साइट’ यानि देखते ही गोली मारने के आदेश दे दिए. आपको बता दें, मोहसिन नकवी सिर्फ PCB के बॉस ही नहीं हैं, बल्कि पाकिस्तान के इंटीरियर मिनिस्टर यानि आंतरिक मामलों के मंत्री (गृह मंत्री) भी हैं.

शिया-सुन्नी का भी टकराव

इसके अलावा पाकिस्तान में इस वक्त शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच भी भयंकर टकराव चल रहा है, जिसमें पिछले कुछ वक्त में 150 लोगों की मौत हो गई है. पाकिस्तानी सेना इस टकराव को थामने में लगी हुई है लेकिन उसे यहां सफलता नहीं मिल पाई है. उसके ऊपर अब राजधानी में बेकाबू हो चुके इमरान समर्थक सेना और सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन चुके हैं.

चैंपियंस ट्रॉफी पर मंडराया खतरा

ताजा हालात न सिर्फ देश के लिए बल्कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के लिए परेशान करने वाले हैं. इससे उसकी चैंपियंस ट्रॉफी के आयोजन की उम्मीदों को जोर का झटका लगा है. इसकी बड़ी वजह ये भी है कि टूर्नामेंट का एक वेन्यू रावलपिंडी क्रिकेट स्टेडियम राजधानी इस्लामाबाद से महज 14-15 किलोमीटर की दूरी पर है. ऐसे में अगर देश के सबसे अहम हिस्से राष्ट्रीय राजधानी में ही सुरक्षा पुख्ता नहीं है तो रावलपिंडी, कराची या लाहौर में सुरक्षा की गारंटी कैसे मिलेगी.

चैंपियंस ट्रॉफी पर फैसला लेने के लिए आईसीसी ने 29 नवंबर को अपने बोर्ड की वर्चुअल मीटिंग बुलाई है, जिसमें बीसीसीआई और पीसीबी के अलावा बाकी बोर्ड मेंबर भी होंगे. इस मीटिंग में टूर्नामेंट के शेड्यूल पर फाइनल फैसला होना है लेकिन साथ ही हाइब्रिड मॉडल पर भी फैसला होना है. पाकिस्तान के मौजूदा हालात को देखते हुए हाइब्रिड मॉडल मिलना भी पीसीबी के लिए बड़ी उपलब्धि होगी क्योंकि फिलहाल तो पूरा टूर्नामेंट ही उसके हाथ से फिसलता दिख रहा है.