नईदिल्ली : वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर आज जेपीसी की बैठक हुई, जहां विपक्ष की ओर से बैठक का बहिष्कार किया गया है. विपक्षी नेताओं ने बैठक को बीच में ही छोड़ दिया. विपक्षी नेताओं ने कहा कि अध्यक्ष ने 29 नवंबर को जेपीसी की वक्फ (संशोधन) रिपोर्ट का मसौदा पेश करने की घोषणा की थी, जिसका सभी विपक्षी दलों ने बहिष्कार किया है, विपक्षी नेताओं ने जेपीसी की अवधि बढ़ाने की मांग की है. आप नेता संजय सिंह ने तो भाजपा को भारतीय झगड़ा पार्टी तक कह दिया.
वक्फ जेपीसी की बैठक को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) के राज्य सभा सांसद संजय सिंह ने कहा इस देश में केवल एक पार्टी का राज है उसका नाम है भारतीय झगड़ा पार्टी. यह पार्टी देश में झगड़ा कराना चाहती है. इस पार्टी ने संभल में दंगा कराया और यह दंगा हिन्दू मुस्लिम का नहीं था. यह दंगा इसी पार्टी ने कराया था.
‘नहीं सुनी गई दिल्ली, यूपी समेत इन राज्यों की बात’
आप सांसद और जेपीसी सदस्य संजय सिंह ने कहा, “जब तक पूरी रिपोर्ट तैयार ना हो जाए, सभी पक्षों की बात नहीं सुनी जाती और जेपीसी का दौरा पूरा नहीं हो जाता, मुझे लगता है कि उससे पहले मसौदा रिपोर्ट पेश करना गलत है. स्पीकर ने हमें आश्वासन दिया था कि वह जेपीसी का समय बढ़ा देंगे. इन सब बातों को दरकिनार करते हुए आप कह रहे हैं कि मसौदा रिपोर्ट पेश करने के लिए तैयार है. आपने दिल्ली सरकार, जम्मू-कश्मीर सरकार, पंजाब सरकार, यूपी सरकार की बात नहीं सुनी.”
‘सभी हितधारकों को आने की अनुमति क्यों नहीं दे रही JPC’
बैठक में एआईएमआईएम सांसद और जेपीसी सदस्य असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “अधिदेश यह है कि रिपोर्ट 29 (नवंबर) को दी जानी चाहिए. हम इसे कैसे दे सकते हैं, इसके लिए एक प्रक्रिया है जिसका पालन किया जाना चाहिए, जो नहीं किया गया है. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस समिति ने बिहार, पश्चिम बंगाल का दौरा नहीं किया है. ऐसे कई हितधारक हैं, जिन्हें हम चाहते हैं कि वे आएं. यह समिति सभी हितधारकों को आने की अनुमति क्यों नहीं दे रही है?”
‘संभल में वक्फ संपत्ति के लिए 7 लोगों की जान जा चुकी’
टीएमसी सांसद और जेपीसी सदस्य कल्याण बनर्जी बोले, “बुनियादी बात यह है कि जिन लोगों का भाजपा से जुड़ाव है और जो भाजपा के करीबी हैं, उन्हें ही बुलाया गया और दिन बरबाद कर दिए गए. जिन राज्यों में सबसे ज्यादा वक्फ संपत्ति है, उन्हें नहीं बुलाया गया, जिसमें दिल्ली भी शामिल है. संभल में वक्फ संपत्ति के लिए 7 लोगों की जान जा चुकी है. वे इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं.”
गोगोई ने उठाए 2 हम सवाल
कांग्रेस सांसद और जेपीसी सदस्य गौरव गोगोई ने कहा, “हमने दो अहम सवाल उठाए हैं- स्पीकर (लोकसभा) से हमें जो आश्वासन मिला है, उसे (जेपीसी) चेयरमैन पूरा नहीं कर रहे हैं. इसका मतलब है कि सरकार और स्पीकर के बीच संतुलन नहीं है. मुझे लगता है कि कोई बड़ा केंद्रीय मंत्री (जेपीसी के) चेयरमैन को निर्देश दे रहा है. दूसरी बात यह है कि प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है. चेयरमैन ने कहा कि रिपोर्ट तैयार है, लेकिन हम पक्षपातपूर्ण प्रक्रिया का हिस्सा नहीं बनना चाहते.