छत्तीसगढ़

मस्जिद सर्वे का कांग्रेस ने किया विरोध, जयराम रमेश बोले- पूर्व सीजेआई ने खोला इन संभावनाओं का पिटारा

नईदिल्ली : संभल की शाही जामा मस्जिद और अजमेर की ख्वाजा साहब की दरगाह के सर्वे को लेकर हंगामा मचा हुआ। कांग्रेस इसका लगातार विरोध कर रही है। कांग्रेस ने पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम 1991 को लेकर शनिवार को बड़ा दावा किया। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि पूजा स्थल अधिनियम 1991 को लेकर 2022 में पूर्व सीजेआई ने मौखिक टिप्पणियां की थीं। इसके चलते ही संभावनाओं का पिटारा खुला है।

जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट में 1991 में राज्यसभा में पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम 1991 को लेकर हुई बहस को भी याद किया। उन्होंने उस वक्त राज्यसभा में उत्तर प्रदेश जनता दल के सांसद और लेखक राजमोहन गांधी के भाषण को भी साझा किया। 

रमेश ने एक्स पर पोस्ट में लिखा कि 12 सितंबर 1991 को राज्यसभा ने एक विधेयक पर बहस की जो पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 बन गया। हाल ही में सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश द्वारा की गई मौखिक टिप्पणियों के कारण यह इन दिनों बहुत चर्चा में है। 20 मई 2022 को भारत डी वाई चंद्रचूड़ ने तब से एक भानुमती का पिटारा खोल दिया है। उन्होंने लिखा कि 1991 में संसदीय बहस के दौरान राज्यसभा के इतिहास में सबसे अच्छा भाषण राजमोहन गांधी ने दिया था। यह भारतीय संस्कृति, परंपराओं, इतिहास और राजनीति में भी एक मास्टरक्लास था। महाभारत के उस सुंदर अंश के साथ उनका शानदार भाषण निरंतर प्रासंगिकता रखता है।

कांग्रेस नेता ने गांधी के भाषण कुछ फोटो भी साझा किए। गांधी ने भाषण में कहा था कि सदियों से महाभारत का गूंजता हुआ सबक यह है कि जो लोग बदले की भावना से इतिहास की गलतियों को सुधारने की कोशिश करते हैं, वे केवल विनाश और अधिक विनाश और अधिक विनाश पैदा करेंगे।

पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम धार्मिक स्थलों को 15 अगस्त, 1947 को जिस तरह अस्तित्व में था, उसे बदलने पर रोक लगाता है। हालांकि 2019 में अयोध्या फैसले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि कानून की धारा 3 ने पूजा स्थल के धार्मिक चरित्र का पता लगाने पर स्पष्ट रूप से रोक नहीं लगाई थी। वहीं 20 मई 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़े विवाद की सुनवाई करते हुए मौखिक टिप्पणियां कीं। कोर्ट ने कहा था कि पूजा स्थल के धार्मिक चरित्र का पता लगाना पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम के तहत वर्जित नहीं है।

वहीं कांग्रेस की कार्यसमिति में संभल और अजमेर मस्जिद सर्वे का लेकर विरोध किया। कांग्रेस ने पूजा स्थल अधिनियम के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। कांग्रेस ने कहा कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा अधिनियम को बेशर्मी से उल्लंघन किया गया।