मुंबई । महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत के 10 दिन बाद भी महायुति गठबंधन सरकार बनाने की प्रक्रिया में उलझी हुई है। महायुति में भाजपा, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शामिल हैं। इस गठबंधन को 288 सदस्यीय विधानसभा में 230 सीटों पर जीत हासिल हुई है। इसमें भाजपा को 132, शिवसेना को 57 और राकांपा को 41 सीटें मिलीं।
शिवसेना सांसद और एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे ने खुद को उपमुख्यमंत्री बनाए जाने की अटकलों को खारिज कर दिया है। उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘महायुती के सरकार गठन में थोड़ी देर हो रही है। इस वजह से काफी चर्चाएं और अफवाहें चल रही हैं। कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अस्वस्थता के कारण दो दिन के लिए गांव गए।इसलिए अफवाहें पनपीं। पिछले दो दिनों से यह सवाल उठ रहे हैं कि क्या मैं उपमुख्यमंत्री बनूंगा। दरअसल, इसमें कोई तथ्य नहीं है और मेरे उपमुख्यमंत्री पद को लेकर चल रही सभी खबरें बेबुनियाद और बेबुनियाद हैं।’
उन्होंने लिखा, ‘लोकसभा चुनाव के बाद भी मुझे केंद्र सरकार में मंत्री बनने का मौका मिला, लेकिन पार्टी संगठन के लिए काम करने की सोच कर मैंने तब भी मंत्री पद ठुकरा दिया। मुझे सत्ता में पद की कोई चाहत नहीं है। मैं एक बार फिर स्पष्ट कर दूं कि मैं राज्य में किसी भी मंत्री पद की दौड़ में नहीं हूं। मैं केवल मेरे लोकसभा क्षेत्र और शिवसेना के लिए काम करूंगा। मेरा अनुरोध है कि वास्तविकता से मुंह न मोड़ें।’
एकनाथ शिंदे शुक्रवार को सतारा जिले में अपने पैतृक गांव चले गए थे। गांव में उन्हें तेज बुखार हो गया। ऐसी अटकलें थीं कि शिंदे नई सरकार के गठन से खुश नहीं हैं। मुंबई रवाना होने से पहले रविवार को अपने गांव में पत्रकारों से बातचीत में शिंदे ने कहा कि मैं पहले ही कह चुका हूं कि भाजपा नेतृत्व द्वारा मुख्यमंत्री पद पर लिया गया निर्णय मुझे और शिवसेना को स्वीकार्य होगा तथा उसे मेरा पूरा समर्थन होगा।
इस बीच सियासी सूत्रों ने दावा किया है कि भाजपा के विधायक दल की बैठक अब कल यानी 3 दिसंबर को होगी। दिल्ली से दो पर्यवेक्षक मुंबई भेजे जाएंगे। विधायकों से विस्तार से चर्चा की जाएगी। इसके बाद विधायक दल का नेता चुना जाएगा। इससे पहले शनिवार को सातारा से लौटकर एकनाथ शिंदे ने कहा था कि महायुति में मतभेद नहीं है। मुख्यमंत्री पर जो भी फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह करेंगे, वह मुझे मंजूर होगा। मेरी सीएम बनने की कोई महत्वकांक्षा नहीं है। वहीं, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने शनिवार को एलान कर दिया था कि महाराष्ट्र की नई सरकार का शपथ ग्रहण 5 दिसंबर को मुंबई के आजाद मैदान में होगा। प्रधानमंत्री मोदी भी कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं।
कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बताया कि आखिर क्यों लोग उन्हें दोबारा मुख्यमंत्री बनते देखना चाहते हैं। दरअसल, जब उनसे पूछ गया कि राज्य के कुछ वर्गों की ओर से उन्हें फिर से मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग कर कर रहे हैं तो उन्होंने इस सवाल के जवाब में कहा, ‘मैं लोगों का मुख्यमंत्री था। वास्तव में, मैं हमेशा कहता था कि मैं सिर्फ मुख्यमंत्री नहीं, बल्कि आम आदमी हूं। एक आम आदमी के तौर पर मैंने लोगों की समस्याओं और दर्द को समझा और उन्हें दूर करने की कोशिश की। मैंने एक आम आदमी के तौर पर काम किया, इसलिए जाहिर है कि लोगों को लगता है कि मुझे मुख्यमंत्री बनना चाहिए।’