पूर्णिया (बिहार ): लॉरेंस बिश्नोई की कथित धमकी के मामले में पूर्णिया सांसद पप्पू यादव की ‘जेड’ श्रेणी की सुरक्षा हासिल करने की मंशा का खुलासा हुआ है। हालांकि सांसद यादव ने इसे किसी की सजिश करार दे सोशल मीडिया पर जवाब दिया है। वहीं, इस मामले पर पूर्व सांसद संतोष कुशवाहा ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है। उन्होंने पूर्णिया पुलिस को इस प्रकरण का पर्दाफाश करने के लिए बधाई दी। उन्होंने मांग की कि इस मामले में पप्पू यादव की भूमिका की उच्चस्तरीय जांच हो।
‘धमकी का खेल फर्जी, असली मकसद सुरक्षा पाना था’
संतोष कुशवाहा ने कहा कि पप्पू यादव ने कथित फर्जी धमकियों के जरिए सुरक्षा पाने की साजिश रची थी। उन्होंने राज्य सरकार और पुलिस से यह भी मांग की कि अब तक सांसद को मिली दो दर्जन धमकियों की जांच होनी चाहिए। कुशवाहा ने जोर देकर कहा कि पप्पू यादव को पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र की जनता से माफी मांगनी चाहिए, क्योंकि उनकी हरकतों से जिले की छवि खराब हुई है।
ब्लफ मास्टर की साजिश उजागर
पूर्व सांसद ने पप्पू यादव को ‘ब्लफ मास्टर’ करार देते हुए कहा कि वह हमेशा विकास कार्यों का श्रेय लेने, अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल करने और बढ़ा-चढ़ाकर बयान देने के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने कहा कि यह मामला उनकी अब तक की सबसे बड़ी साजिश है। इस पर सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए ताकि जिले का सम्मान बचाया जा सके।
सहयोगियों की भूमिका की जांच की मांग
कुशवाहा ने यह भी आरोप लगाया कि गिरफ्तार आरोपी ने स्वीकार किया है कि धमकी देने की साजिश सांसद के सहयोगियों ने रची थी। उन्होंने पप्पू यादव से पूछा कि उनके कौन-कौन से सहयोगी इसमें शामिल हैं और उनकी खुद की भूमिका क्या है।
पप्पू यादव की प्रतिक्रिया आई सामने
पूर्णिया पुलिस के खुलासे पर सांसद पप्पू यादव ने सोशल मीडिया X पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने पहली पोस्ट में लिखा कि 26 लोगों ने अब तक जान से मारने की धमकी दी है। मलेशिया, पाकिस्तान और नेपाल से धमकी मिली है, उस पर अब तक कार्रवाई क्यों नहीं। अगर किसी ने पैसा देकर धमकी दिलाई है तो पुलिस उसके नाम का खुलासा कर गिरफ्तार करे। पुलिस किसी के इशारे पर मेरी सुरक्षा से खेल रही है, झूठ फैला हत्यारों को शह दे रही है।
सांसद पप्पू यादव ने दूसरी पोस्ट में लिखा कि माननीय नीतीश कुमार आपकी पुलिस मानसिक रूप से दिवालिया हो गई है। वह वही व्यवहार कर रही है जो दिवंगत कांग्रेस MLA हेमंत शाही जी को गोली लगने पर तत्कालीन सरकार और प्रशासन ने किया था। उन पर घायल होने की नौटंकी का आरोप लगाया, बाद में इलाजरत हेमंत जी की मृत्यु हो गई थी! पुनः वही हो रहा है।