रांची: झारखंड में पांच दिसंबर को राज्य सरकार के नए मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण समारोह होगा। जिसमें झामुमो, कांग्रेस, राजद और लेफ्ट के विधायक मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। हालांकि किस दल से कितने मंत्री बनेंगे, अभी तक इसका खुलासा नहीं हो सका है। जबकि, इससे पहले 28 नवंबर को राज्य में हुए शपथ ग्रहण समारोह में सिर्फ हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। बता दें कि, हेमंत सोरेन चौथी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने हैं।
कैबिनेट में किस दल से कितने मंत्री?
सूत्रों के अनुसार, जेएमएम, कांग्रेस और आरजेडी से ही मंत्री बनाए जाने हैं, इसमें जेएमएम से छह, कांग्रेस से चार, आरजेडी से एक मंत्री बनेंगे। जबकि अन्य सहयोगी दल सीपीआई (एमएल) (एल) ने मंत्री पद लेने से मना कर दिया है। जानकारी के मुताबिक, हेमंत सोरेन के अकेले शपथ लेने की वजह ये थी कि गठबंधन में मंत्री पदों के लेकर सहमति नहीं बन सकी थी।
इन-इन विधायकों के मंत्री बनने की संभावना
झामुमो के संभावित मंत्री
दीपक बिरुआ
रामदास सोरेन
एमटी राजा
अनंत प्रताप देव
सविता महतो
मंत्री पद की रेस में कांग्रेस के कई विधायक
रामेश्वर उरांव
इरफान अंसारी
नमन विक्सल कोंगाडी
कुमार जयमंगल
प्रदीप यादव
श्वेता सिंह
दीपिका पांडे सिंह
शिल्पी नेहा तिर्की
राजद से सुरेश पासवान को मिल सकता है मंत्री पद
झारखंड में राजद के एक विधायक को भी मंत्री पद दिया जाना है। इसमें सबसे पहला नाम देवघर के विधायक सुरेश पासवान है, जो राजद विधायक दल के नेता चुने गए हैं।
9 दिसबंर से राज्य विधानसभा का विशेष सत्र
राज्य के 14वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने के साथ ही हेमंत सोरेन ने घोषणा की थी कि जल्द ही विधानसभा का विशेष सत्र आयोजित किया जाएगा। जिसमें 9 दिसबंर से 12 दिसबंर तक विधानसभा का विशेष सत्र आयोजित होगा। जिसमें विधायकों से शपथ ग्रहण के साथ-साथ सदन में विश्वास मत भी हासिल किया जा सकता है। वहीं इससे पहले कैबिनेट विस्तार पर झामुमो नेता मनोज पांडे की तरफ से कहा गया था कि, राज्य में एक संतुलित मंत्रिमंडल बनाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा था कि, पांच विधायकों पर एक मंत्री के फॉर्मूले पर चर्चा की जा रही है।
विधानसभा चुनाव में झामुमो-नीत गठबंधन को बहुमत
झारखंड में हाल ही में हुए विधानसभा में चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा नीत कांग्रेस-राजद और लेफ्ट के गठबंधन को 56 सीटों पर जीत मिली थी। जिसमें सबसे ज्यादा झामुमो ने 34 सीट, कांग्रेस ने 16, राजद ने चार और सीपीआई (एमएल) (एल) को दो सीटें मिली थी। वहीं विपक्ष एनडीए गठबंधन को 81 में से सिर्फ 25 सीटें मिली थी। इसमें भाजपा 21 और आजसू, एलजेपीआरवी, जेडीयू और जेकेएलम को एक-एक सीटें हासिल हुई थी।