मुम्बई : भारतीय टीम के पूर्व बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने मंगलवार को मुंबई के प्रसिद्ध शिवाजी पार्क में दिग्गज क्रिकेट कोच रमाकांत आचरेकर के स्मारक का अनावरण किया। इस दौरान सचिन के साथ महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के प्रमुख राज ठाकरे भी उपस्थिति रहे। मालूम हो कि आचरेकर सचिन के बचपन के कोच थे। सचिन ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर पोस्ट किया, आज बहुत खास दिन है क्योंकि हम उस व्यक्ति को श्रद्धांजलि दे रहे हैं जिसने क्रिकेट और मेरे जीवन को बहुत कुछ दिया। मुझे खुशी होगी अगर आप सभी मेरे साथ आचरेकर सर के जन्मतिथि के अवसर पर उनके स्मारक के अनावरण का हिस्सा बनेंगे और उनकी उपलब्धियों का सम्मान करेंगे।
जनवरी 2019 में हुआ था आचरेकर का निधन
इस साल अगस्त में महाराष्ट्र सरकार ने शिवाजी पार्क के गेट नंबर पांच के पास आचरेकर के स्मारक को मंजूरी दी थी। सचिन सहित कई भारतीय क्रिकेटरों को कोचिंग दे चुके आचरेकर का जनवरी 2019 में निधन हो गया था। 1990 में आचरेकर को द्रोणाचार्य अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था, जबकि 2010 में उन्हें पद्मश्री मिला था।
सचिन बोले- ऑलराउंडर थे आचरेकर सर
सचिन तेंदुलकर ने कोच आचरेकर को एक ऑलराउंडर और वन-स्टॉप शॉप करार दिया जो क्रिकेट का ककहरा सिखाने के मामले में अपने समय से बहुतों से काफी आगे थे क्योंकि उनकी कोचिंग मैदान से परे थी। आचरेकर की ट्रेनिंग में बिताए दिनों को याद करते हुए तेंदुलकर ने कहा कि जो खिलाड़ी उनसे कोचिंग ले चुके हैं, वे मैच के दौरान कभी तनाव में नहीं रहते थे।
तेंदुलकर ने कहा, मेरे बड़े भाई अजीत खेलते थे और मैचों में उनका अवलोकन होता कि जो सर के छात्र नहीं थे वे तनाव में रहते थे। उन्हें हैरानी होती कि सर के छात्र कभी दबाव में नहीं होते। फिर अजीत को अहसास हुआ कि सर ने बहुत सारे अभ्यास मैच खेले थे। मैं कोई अपवाद नहीं था। सर की कोचिंग में हमेशा क्रिकेट होता रहता था। सर एक जनरल स्टोर थे, उनके पास सब कुछ होता था। वह बहुत ख्याल रखते थे। जब हम डॉक्टर के पास जाते थे, तब भी वह स्थितियों को नियंत्रित करते थे। वह एक ऑलराउंडर थे।
कई भारतीय खिलाड़ियों के कोच रह चुके हैं आचरेकर
आचरेकर ने सचिन के अलावा रामनाथ पार्कर, बलविंदर सिंह संधू, लालचंद राजपूत, चंद्रकांत पंडित, प्रवीण आमरे, समीर दिघे, विनोद कांबली, संजय बांगड़, पारम म्हांब्रे, रमेश पवार, अजीत अगरकर सहित कई खिलाड़ियों को कोचिंग दी जिन्होंने भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया है। पिछले सप्ताह आमरे ने कहा था कि शिवाजी पार्क में आचरेकर का स्मारक अगली पीढ़ी के क्रिकेटरों के लिए प्रेरणा का काम करेगा।
आमरे ने कहा था, हमारे लिए यह वास्तव में बहुत बड़ा क्षण है क्योंकि हम सभी जानते हैं कि उन्होंने हमारे लिए क्या योगदान दिया है। केवल क्रिकेटरों के रूप में ही नहीं बल्कि कोच के रूप में हमारा करियर भी हमारे गुरु आचरेकर सर की वजह से सफल रहा है। हम यही चाहते थे क्योंकि हमारे गुरु हमेशा शिवाजी पार्क में रहते थे। वे इसे कर्मभूमि कहते थे और स्मारक का अनावरण यहीं हो रहा है। यह हमारे लिए सबसे बड़ी बात है और यह नयी पीढ़ी के लिए प्रेरणादायी हो सकता है।