नईदिल्ली : विनोद कांबली इन दिनों चर्चा में बने हुए हैं. हाल ही में कांबली का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें वह अपने बचपन के दोस्त दिग्गज सचिन तेंदुलकर एक इवेंट में मिलते हुए दिखे थे. सचिन के साथ भारत के लिए अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेलने वाले विनोद कांबली को लेकर राहुल द्रविड़ ने बड़ी बात कह दी. एक वायरल वीडियो में द्रविड़ ने कहा कि विनोद कांबली के पास टैलेंट नहीं था.
वायरल वीडियो में राहुल द्रविड़ ‘टैलेंट’ के बारे में बात करते हुए दिख रहे हैं. इस दौरान उन्होंने विनोद कांबली को लेकर भी बात की. इस दौरान द्रविड़ ने कांबली की गेंद हिट करने की काबीलियत की तारीफ की, लेकिन उन्होंने कहा इंटरनेशनल क्रिकेटर बनने के लिए जरूरी बाकी चीजों में कांबली के पास टैलेंट नहीं था.
द्रविड़ ने कहा, “मुझे लगता कि हम टैलेंट का आकलन गलत करते हैं. हम टैलेंट के नाम पर क्या देखते हैं? और मैंने भी वही गलती की. हम लोगों के टैलेंट का आकलन क्रिकेट गेंद पर हिट करने की काबीलियत से करते हैं. क्रिकेट गेंद की मिठास या टाइमिंग. यह इकलौती चीज है, जिसे हम टैलेंट के रूप में देखते हैं. दृढ़ निश्चय, साहस, अनुशासन, स्वभाव जैसी चीजें भी टैलेंट हैं. जब हम टैलेंट का आकलन कर रहे हों, तो हमें पूरे पैकेज पर देखना चाहिए.”
द्रविड़ ने आगे कहा, “इसकों बयां करना मुश्किल है लेकिन लोगों के पास गेंद को टाइम करने और हिट करने का गिफ्ट है. सौरव गांगुली के पास कवर ड्राइव को टाइम करने की काबीलियत थी. सचिन के पास भी. और सहवाग. आप गौतम (गंभीर) जैसे किसी शख्स के बारे में उतना नहीं कहेंगे जितना आप इन कुछ अन्य लोगों के लिए कहेंगे. ऐसा नहीं है कि गौतम कम सफल हैं. इसलिए हम टैलेंट के रूप में यह देखते हैं. लेकिन वाकई में हम टैलेंट के दूसरे साइड को नहीं देखते हैं. हम कहते हैं, एक प्रतिभाशाली खिलाड़ी ऐसा नहीं कर सका. हम हमेशा इस साइड को देखते हैं लेकिन शायद उसके पास बाकी टैलेंट ना हो.”
आगे विनोद कांबली के बारे में द्रविड़ ने कहा, “मुझे कहते हुए अच्छा नहीं लग रहा लेकिन विनोद उन सबसे अच्छे लोगों में रहे, जिनसे मैं मिला हूं. विनोद के पास गेंद को हिट करने की जबरदस्त काबीलियत थी. मुझे राजकोट का एक मैच याद है, विनोद ने जवागल श्रीनाथ और अनिल कुंबले के खिलाफ 150 रन बनाए थे. यह शानदार था.”
द्रविड़ ने आगे कहा, “अनिल गेंदबाजी के लिए आए और उन्होंने पहली गेंद पर सीधा मार दिया. हम सभी चौंक गए कि यह शानदार था. आप यह कैसे करते हैं? लेकिन शायद उनके पास बाकी एरिया में यह समझने की काबीलियत नहीं थी कि एक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर बनने के लिए, तनाव और दबाव से निपटने के लिए क्या करना होता है. मैं सिर्फ अनुमान लगा सकता हूं लेकिन सचिन के पास वो ज्यादा था.