छत्तीसगढ़

 छत्तीसगढ़ में शहीदों के परिजनों को अनुकंपा आधार पर जॉब के कितने मामले लंबित, संसद में नहीं मिला जवाब

नई दिल्ली । केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में शहीद होने वाले जवानों के कितने परिजनों के योग्य सदस्यों को अभी तक अनुकंपा के आधार पर नौकरी नहीं मिल सकी है, इसका जवाब केंद्र सरकार के पास नहीं है। केंद्रीय गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में इस सवाल के जवाब में बताया, विभागों द्वारा अनुकंपा के आधार पर नियुक्तियां, उपलब्ध रिक्तियों की सीमा तक की जाती है। लंबित मामलों संबंधी आंकड़े केंद्रीयकृत रूप से नहीं रखे जाते हैं। 

सीएपीएफ और असम राइफल के दिवंगत कार्मिकों के निकटतम संबंधी को दी जाने वाली एकमुश्त केंद्रीय अनुग्रह राशि को, जैसा भी मामला हो, उसके अनुसार, सक्रिय ड्यूटी पर मृत्यु होने पर 15 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दिया गया है। यह भी सुनिश्चित किया गया है कि अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर सीएपीएफ कार्मिकों के निकटतम संबंधी को विभिन्न स्त्रोतों से न्यूनतम 1 करोड़ रुपये की सहायता मिल जाए। 

लोकसभा सांसद संतोष पांडेय ने पिछले सप्ताह सदन में यह सवाल पूछा था कि सीआरपीएफ के अंतर्गत आने वाले सभी सुरक्षा बलों में सेवा के दौरान शहीद सैनिकों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति देने का क्या प्रावधान है। जानकारों का कहना है कि इस सवाल में सीआरपीएफ की बजाए सीएपीएफ होना चाहिए। शहीद सैनिकों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति दिए जाने वाले मानदंडो का ब्यौरा क्या है। छत्तीसगढ़ में ऐसे कितने परिवार हैं, जिनके सदस्य सेवा के दौरान शहीद हुए और उनके सैनिकों को अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति नहीं दी गई है। संतोष पांडेय ने पूछा, अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति नहीं मिलने की स्थिति में उक्त परिवारों के आश्रितों को विभिन्न प्रकार की सहायता करने का क्या प्रावधान है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में उक्त सवाल के जवाब में बताया, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ‘डीओपीटी’ ने अनुकंपा नियुक्ति की नीति निर्धारित की है। इन निर्देशों के अनुसार, श्रेणी ‘ग’ के पदों पर एक वर्ष में उत्पन्न होने वाली सीधी भर्ती की अधिकतम 5 प्रतिशत रिक्तियों को विभागों द्वारा अनुकंपा के आधार पर भरा जा सकता है। ये नियुक्तियां उक्त निर्देशों में उल्लिखित शर्तों के अधीन होती हैं। मृतक सरकारी कर्मचारी या चिकित्सा आधार पर सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी या सशस्त्र बलों के सदस्य के परिवार के आश्रित सदस्य को अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति देने के लिए सामान्य प्रयोज्यता और मानदंडों के प्रावधान भी दिनांक 2 अगस्त 2022 के कार्यालय ज्ञापन में दिए गए हैं। 

विभागों द्वारा अनुकंपा के आधार पर नियुक्तियां उपलब्ध रिक्तियों की सीमा तक की जाती है। लंबित मामलों संबंधी आंकड़े केंद्रीयकृत रूप से नहीं रखे जाते हैं। राष्ट्र के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों ‘सीएपीएफ’ और असम राइफल के कार्मिकों के परिवारों/निकटतम संबंधियों को कई तरह के लाभ प्रदान किए जाते हैं। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया, सीएपीएफ और असम राइफल के दिवंगत कार्मिकों के निकटतम संबंधी को दी जाने वाली एकमुश्त केंद्रीय अनुग्रह राशि को, जैसा भी मामला हो, उसके अनुसार, सक्रिय ड्यूटी पर मृत्यु होने पर 15 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दिया गया है। 

केंद्रीय सिविल सेवा ‘असाधारण पेंशन’ नियमावली 2023 के अंतर्गत उदारीकृत / असाधारण पारिवारिक पेंशन  दी जाती है। सेवा संबंधी अन्य सभी सामान्य लाभ यथा, मृत्यु सह सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी ‘डीसीआरजी’ छुट्टी नकदीकरण, केंद्रीय सरकार कर्मचारी सामूहिक बीमा योजना ‘सीजीईजीआईएस’, सामान्य भविष्य निधि ‘जीपीएफ’ आदि प्रदान किए जाते हैं। संबंधित बल की जोखिम/कल्याण/हितकारी निधि से, इस निधि के मानदंडों के अनुसार अनुग्रह राशि और अन्य प्रकार की वित्तीय सहायता दी जाती है। ऐसे कार्मिकों के नामों को ‘भारत के वीर’ नामक ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड कर 25 लाख रुपये तक का सार्वजनिक अंशदान दिया जाता है। 

यह भी सुनिश्चित किया गया है कि अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर सीएपीएफ कार्मिकों के निकटतम संबंधी को विभिन्न स्त्रोतों से न्यूनतम 1 करोड़ रुपये की सहायता मिल जाए। ‘भारत के वीर’ कोष से विवाहित दिवंगत कार्मिकों के माता पिता को 10 लाख रुपये की अतिरिक्त वित्तीय सहायता के साथ साथ सीएपीएफ के उन कार्मिकों को भी 10 लाख रुपये की अतिरिक्त सहायता दी जाती है, जो ड्यूटी के दौरान घायल हो गए तथा ऐसी चोटों के कारण वे सेवा से बाहर हो गए। 

सीएपीएफ वेतन पैकेज स्कीम के अंतर्गत बीमा कवरेज का प्रावधान है। निकटतम संबंधियों को कुछ लाभों यथा हवाई और रेल यात्रा भाड़े में रियायत तथा रिटेल पेट्रोल पंपों के आबंटन आदि के लिए पात्र बनाने की खातिर उन्हें ‘ऑपरेशनल कैजुअल्टी प्रमाण पत्र’ जारी कराया जाता है। एमबीबीएस और बीडीएस पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए उनके बच्चों का कोटा तय किया गया है। प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति योजना ‘पीएमएसएस’ के अंतर्गत, बालिकाओं के लिए 3 हजार रुपये प्रतिमाह की दर से, बालकों के लिए 25 सौ रुपये प्रतिमाह की दर से छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। कुछ राज्यों/संघ क्षेत्रों द्वारा उनके अपने नियमों के अनुसार, मुआवजे/सहायता का भुगतान भी शामिल है।