छत्तीसगढ़

ममता बनर्जी बनती हैं इंडिया ब्लॉक की अध्यक्ष तो गठबंधन में क्या-क्या बदलेगा?

नईदिल्ली : इंडिया गठबंधन में अध्यक्ष को लेकर मचे गतिरोध के बीच ममता बनर्जी से जुड़े 2 सवाल चर्चा में हैं. पहला, क्या बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को इंडिया की कमान मिलेगी? यह सवाल इसलिए क्योंकि ममता के समर्थन में शरद पवार से लेकर लालू यादव तक और राम गोपाल यादव से संजय राउत तक ने बयान दिया है.

दूसरा सवाल उनके अध्यक्ष बनने के बाद की स्थिति को लेकर है. ममता को अगर इंडिया की कमान मिलती है तो गठबंधन के भीतर क्या-क्या बदलेगा?पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो है, जिन्होंने हाल ही में इंडिया की कमान संभालने की इच्छा जताई है.

ममता क्यों बन सकती हैं अध्यक्ष?

ममता को इंडिया गठबंधन की कमान मिलने की संभावनाओं के पीछे 3 बड़ी वजहें बताई जा रही हैं. पहली वजह शरद पवार से लेकर लालू यादव तक का समर्थन है. सीटों की लिहाज से यूपी, बिहार, महाराष्ट्र और बंगाल देश के 4 बड़े राज्य हैं. इन चारों ही राज्यों की बड़ी पार्टियों ने ममता का समर्थन कर दिया है.

दूसरी वजह आंध्र प्रदेश की विपक्षी पार्टी वाईएसआर का समर्थन है. तीसरी वजह ममता का महिला नेता होना है. इंडिया गठबंधन के भीतर ममता सबसे फायरब्रांड महिला नेता है.

अब सवाल- गठबंधन में क्या-क्या बदलेगा?

1. व्यक्ति केंद्रित मुद्दे को तरजीह नहीं

बंगाल में जब ममता बनर्जी ने खुद की तृणमूल कांग्रेस बनाई तो ममता ने व्यक्ति छोड़ जनहित के मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन करना शुरू किया. उस वक्त कोलकाता के धर्मशाला को ममता ने अपने विरोध का केंद्र बना लिया था. हर बड़े मुद्दे पर ममता धर्मशाला में प्रदर्शन करने पहुंच जाती थी.

ममता का यह तेवर अब भी बरकरार है. संसद में जब कांग्रेस ने उद्योगपति गौतम अडानी के मुद्दे को तरजीह देना शुरू किया, तब ममता ने इससे खुद को अलग कर लिया. ममता का कहना था कि जनहित के मुद्दे उठाए जाने चाहिए, जिससे केंद्र की सरकार आसानी से बैकफुट पर आए.

वर्तमान में किसान आंदोलन, महंगाई, ट्रेन यात्रा, स्वास्थ्य सुविधा जैसे कई मसले ऐसे हैं, जिस पर सांसद बहस चाहते हैं. ममता को अगर इंडिया की कमान मिलती है तो संसद के बहस के केंद्र में ये मुद्दे फिर से आ सकते हैं.

2. राहुल की पीएम दावेदारी कमजोर होगी

कांग्रेस अभी इंडिया गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी है. इसी कारण नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी राहुल गांधी के पास है. राहुल अभी प्रधानमंत्री पद के प्रबल दावेदार भी हैं, लेकिन ममता को अगर विपक्ष की कुर्सी मिलती है तो राहुल की दावेदारी पर संकट गहरा सकता है.

1989 में विपक्ष की कमान संभालने वाले वीपी सिंह कम सीट होने के बावजूद देश के प्रधानमंत्री बनाए गए. ममता के समर्थक दबे जुबान उन्हें पीएम के रूप में प्रोजेक्ट भी करते रहे हैं.

बंगाल में तृणमूल समर्थकों ने इसको लेकर एक गाना हवाई चोटी दिल्ली जावे (हवाई चप्पल दिल्ली जाएगा) भी बनवाया है. ममता के दिल्ली आने पर उनकी दावेदारी और ज्यादा मजबूत हो जाएगी.

3. ⁠इंडिया गठबंधन में नए दलों की एंट्री संभव

इंडिया गठबंधन में अभी देश की 26 विपक्षी पार्टियां शामिल है. तेलंगाना की बीआरएस, हरियाणा की इनेलो और आंध्र की वाईएसआर का रुख भी एनडीए विरोधी ही है. ममता की दावेदारी पर तो वाईएसआर ने सकारात्मक रुख भी दिखाया है.

इनेलो पहले भी इंडिया में आना चाहती थी, लेकिन कांग्रेस की वजह से संभव नहीं हो पाया. केसीआर की बीआरएस भी एक वक्त बीजेपी विरोधी मोर्चा बनाने को लेकर एक्टिव थी.

ऐसे में कहा जा रहा है कि अगर ममता इंडिया की कमान संभालती हैं तो गठबंधन के भीतर कुछ नए दलों की एंट्री सभव है.

4. ठंडे बस्ते में जाएगा जातीय जनगणना का मुद्दा?

कांग्रेस लोकसभा चुनाव के बाद से ही जाति आधारित गणना की मांग को लेकर मुखर है. हालांकि, ममता इस मांग को ज्यादा तवज्जो नहीं देना चाहती है. 2023 में मुंबई की बैठक में इंडिया गठबंधन इसको लेकर प्रस्ताव भी पास करना चाहती थी, लेकिन ममता ने इसका विरोध कर दिया.

कहा जा रहा है कि अब ममता को अगर कमान मिलती है तो नए सिरे मुद्दे तय किए जाएंगे, जिसके बाद जातीय जनगणना का मुद्दा ठंडे बस्ते में जा सकता है.

5. क्षेत्रीय नेता के अधीन काम करेंगे 3 राष्ट्रीय पार्टी प्रमुख

इंडिया गठबंधन में 3 पार्टी कांग्रेस, सीपीएम और आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय दल का दर्जा प्राप्त है. ममता बनर्जी की पार्टी क्षेत्रीय पार्टी है. अगर ममता को इंडिया की कमान मिलती है तो यह देश में पहली बार होगा, जब किसी क्षेत्रीय नेता के अधीन तीन-तीन राष्ट्रीय पार्टियों के प्रमुख काम करेंगे.

देश के इतिहास में अब तक किसी भी गठबंधन की कमान क्षेत्रीय पार्टी के नेताओं को नहीं मिली है. एनडीए गठन के वक्त से अब तक बीजेपी के पास ही इसकी कमान रही है. यूपीए का जब गठन हुआ था, तब भी कांग्रेस के पास ही कमान थी.