छत्तीसगढ़

दिल्ली की तानाशाही सनक के आगे नहीं झुकेगा बंगाल, वन नेशन-वन इलेक्शन पर केंद्र पर भड़कीं ममता बनर्जी

कोलकाता : एक राष्ट्र, एक चुनाव’ विधेयक को लेकर केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार (12 दिसंबर, 2024) को हरी झंडी दिखा दी है, जिसे लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि इस विधेयक को असंवैधानिक और संघीय व्यवस्था के विरुद्ध पारित किया गया है. बनर्जी ने ये भी कहा कि सरकार ने विपक्ष की ओर से उठाई गई हर जायज चिंता को नजरअंदाज किया है.

ममता बनर्जी ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, “केंद्रीय मंत्रिमंडल की ओर से असंवैधानिक और संघीय व्यवस्था के विरुद्ध एक राष्ट्र, एक चुनाव विधेयक को पारित कर दिया है, जिसमें विशेषज्ञों और विपक्षी नेताओं की ओर से उठाई गई हर जायज चिंता को नजरअंदाज किया गया है. यह कोई सोच-समझकर किया गया सुधार नहीं है. यह भारत के लोकतंत्र और संघीय ढांचे को कमजोर करने के लिए बनाया गया एक तानाशाही थोपना है.”

‘क्रूर कानून का पुरजोर विरोध कराेगा विपक्ष’

सीएम ममता बनर्जी ने आगे लिखा, “हमारे संसद सांसद में इस क्रूर कानून का पुरजोर विरोध करेंगे. बंगाल कभी भी दिल्ली की तानाशाही सनक के आगे नहीं झुकेगा. यह लड़ाई भारत के लोकतंत्र को निरंकुशता के चंगुल से बचाने के लिए है.”

कैसे होगा संविधान में संशोधन?

‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ विधेयक को लेकर केंद्र सरकार हमेशा से समर्थन में रही है. हालांकि मौजूदा व्यवस्था को बदलना थोड़ा चुनौती भरा होगा. यही कारण है कि इसके लिए आम सहमति बेहद जरूरी है. देश में एक राष्ट्र, एक चुनाव को लागू करने के लिए संविधान में संशोधन करने के लिए लगभग 6 विधेयक लाने होंगे, जिनको पास कराने के लिए दो तिहाई बहुमत की आवश्यकता होगी. 

क्या बोले शिवराज सिंह चौहान?

एक राष्ट्र, एक चुनाव को लेकर केंद्र सरकार तेजी से काम कर रही है. बीते रोज (11 दिसंबर, 2024) ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ विधेयक की पुरजोर वकालत करते हुए कहा था कि देश में बार बार हो रहे चुनाव देश की प्रगति में बाधा पैदा कर रहे हैं. देश में कुछ हो चाहे न हो पूरे पांच साल चुनाव की तैयारियां जरूर चलती रहती हैं. लोकसभा चुनाव खत्म होते ही विधानसभा के चुनाव आ जाते हैं. अब तक हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र और झारखंड में चुनाव हो गए हैं. अब दिल्ली चुनाव होने वाले हैं.