नईदिल्ली : राज्यों में विधानसभा चुनाव के बाद एक बार फिर से कांग्रेस ने ईवीएम को मुद्दे पर सवाल उठाए हैं। लेकिन इस बार कांग्रेस का ईवीएम पर ठीकरा फोड़ना उल्टा पड़ता नजर आ रहा है। इस बार इंडिया गठबंधन में शामिल सभी दलों का कांग्रेस को ईवीएम के मुद्दे पर साथ नहीं मिल रहा है।
कांग्रेस पर तृणमूल का कटाक्ष ऐसे समय में आया है जब भारत के दो सहयोगियों के बीच कई मुद्दों पर संबंध खराब हो गए हैं। गौतम अडानी रिश्वत मामले पर संसद में कांग्रेस के नेतृत्व वाले विरोध प्रदर्शन से तृणमूल दूर रही है। ममता बनर्जी द्वारा भारतीय गुट का नेतृत्व करने में रुचि दिखाने के बाद विपक्षी खेमे में नेतृत्व की खींचतान ने दरार को और गहरा कर दिया है।
अभिषेक ने कहा कि ईवीएम पर सवाल उठाने वालों को चुनाव आयोग के पास जाना चाहिए और डेमो कर बताना चाहिए कि वोटिंग मशीन हैक कैसे हो सकती है। अगर वोटिंग के दौरान बूथ पर मॉक पोल और काउंटिंग के दौरान इसकी चेकिंग की जाती है, ऐसे में आरोप नहीं लगाए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि कुछ हो नहीं रहा है सिर्फ बयानबाजी हो रही है।
उमर अब्दुल्ला ने दिया था रिएक्शन
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इससे पहले EVM विवाद पर कांग्रेस से अलग अपनी राय दी थी। उन्होंने कांग्रेस के आरोपों से हटकर कहा, कि जब उसी EVM से आपके 100 से अधिक सांसद चुनकर आते हैं, तो आप जीत का जश्न मनाते हैं, लेकिन कुछ महीने बाद आप पलट कर ये नहीं कह सकते हैं कि EVM से वोटिंग पसंद नहीं है। क्योंकि चुनाव परिणाम वैसे नहीं आ रहे हैं, जैसा हम चाहते हैं।