छत्तीसगढ़

इनके पास है अतुल सुभाष का बेटा, भतीजे को लेकर विकास ने कही ये बात; परिवार ने जताई चिंता

जौनपुर: आत्महत्या करने वाले इंजीनियर अतुल सुभाष के क्रियाकर्म के बाद परिजन कानूनी लड़ाई तेज करेंगे। अतुल के भाई विकास का कहना है कि भतीजे व्योम को दादा-दादी के साथ रहने की अनुमति मिलनी चाहिए। निकिता सिंघानिया जेल चली गई है। अब उसके साथ अतुल का बेटा असुरक्षित है। विकास ने मोबाइल फोन पर विशेष बात की और कहा कि अतुल सुभाष को दुनिया छोड़े आठ दिन हो गए। उन्होंने समाज, न्यायपालिका और कानून व्यवस्था को आईना दिखाया है।

उम्मीद है कि कुछ बदलाव आएगा। पुरुष प्रताड़ना से बच सकेंगे। अतुल की मौत के बाद से ही मां बीमार है। पिता पवन मोदी पोते व्योम के लिए परेशान हैं। वह कह रहे हैं कि पोते को साथ लाने के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़ने को तैयार हैं। अतुल के क्रियाकर्म के बाद ही मामले में अधिवक्ताओं से सलाह ली जाएगी, फिर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

मई में अतुल की जामनत कराने जौनपुर आए थे विकास
विकास मोदी ने बताया कि वे मई 2024 में अतुल को दहेज उत्पीड़न के मामले में जमानत दिलवाने जौनपुर आए थे। उस समय किसी का निधन हो गया था। श्रद्धांजलि सभा हो रही थी। किसी तरह से भाई की जमानत कराई थी।

आज जिंदा होता मेरा भाई
विकास ने बताया कि अतुल के साथ उठना-बैठना या आना-जाना कई बार हुआ, लेकिन उनके मन में क्या है, कभी नहीं जान सके। विकास ने बताया कि उनका भाई अंदर ही अंदर परेशान था। अदालत के साथ ही वह आंतरिक तौर पर खुद से एक मुकदमा लड़ रहा था, जो वह हार गया। काश भाई ने कुछ बातें पहले बताई होतीं तो उसे समझाया जाता। शायद, आज वह जिंदा रहता।

निकिता ने मांगे थे एक लाख रुपये
विकास ने बताया कि उनकी भाभी निकिता ने पहले अपने और व्योम के भरणपोषण के लिए कुल दो लाख रुपये महीने की मांग रखी थी। इसमें निकिता ने एक लाख रुपये व्योम और एक लाख खुद के लिए भेजने को कहा था। बाद में कोर्ट ने भरण-पोषण के लिए 40 हजार रुपये महीने भेजना का आदेश दिया। अतुल का बेटा निकिता के 70 वर्षीय हृदय रोग से पीड़ित ताऊ के पास है। वह चार वर्षीय नाती की देखभाल कर रहे हैं।

ये था पूरा मामला
आत्महत्या करने वाले इंजीनियर अतुल सुभाष पर फैमिली कोर्ट में भरण पोषण, दहेज उत्पीड़न, घरेलू हिंसा और तलाक के चार मामले चल रहे थे। इसके लिए वह हर तारीख पर बंगलूरू से जौनपुर आते थे। दूसरी तरफ, अदालत के आदेश पर अतुल सुभाष हर महीने बेटे के भरण पोषण के लिए 40 हजार रुपये दे रहे थे। यह स्थिति तब थी, जब अतुल की पत्नी निकिता सिंघानिया की मासिक सैलरी 78 हजार रुपये है। इंजीनियर अतुल सुभाष ने बंगलुरू में 9 दिसंबर को खुदकुशी कर ली थी। उन्होंने 23 पेज का सुसाइड नोट भी लिखा था। 

अतुल ने आत्महत्या से पहले एक घंटे से ज्यादा समय वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर साझा किया। उन्होंने पत्नी निकिता सिंघानिया, सास, साले और उनके मामले की सुनवाई कर रही जज पर भी गंभीर आरोप लगाए। वीडियो संदेश के जरिये बताया कि जौनपुर की फैमिली कोर्ट में पत्नी सदर कोतवाली के मोहल्ला रुहट्टा निवासी निकिता सिंघानिया ने चार मुकदमे दर्ज कराए थे।

आरोप लगाया था कि 26 जून 2019 को उसकी शादी अतुल मोदी से हुई थी। विवाह के बाद से ही ससुराल के लोग 10 लाख रुपये दहेज की मांग को लेकर उसे प्रताड़ित करते थे। इस सदमे में उसके पिता (निकिता के) की मृत्यु हो गई। परिवार वालों के समझाने पर अतुल उसे बंगलूरू ले गया और 20 फरवरी 2020 को उसे एक बेटा हुआ। इसके बावजूद प्रताड़ना जारी रही। 17 मई 2021 को उसे पीटकर घर से निकाल दिया था। तब से वह अपने बच्चे के साथ मायके में रह रही थी।