नईदिल्ली : बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पर्थ टेस्ट में जब विराट कोहली ने 100 रन की पारी खेली तो लगा वो सीरीज में ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों की बखिया उधेड़ने वाले हैं. उसके बाद कोहली तीन टेस्ट पारियों में बैटिंग कर चुके हैं, जिनमें उनका सर्वाधिक स्कोर केवल 11 रन रहा है. सीरीज का तीसरा टेस्ट ब्रिसबेन में खेला जा रहा है, जिसमें कोहली मात्र 3 रन बनाकर आउट हो गए. अब चेतेश्वर पुजारा ने कोहली की नई गेंद से खेलने की तकनीक पर सवाल खड़े कर दिए हैं. बता दें कि ये इंटरनेशनल क्रिकेट में कुल 11वीं बार था जब जोश हेजलवुड ने कोहली का विकेट लिया हो.
कोहली स्टंप्स से बहुत दूर की गेंद को खेलने के चक्कर में विकेटकीपर को कैच थमा बैठे थे. पुजारा ने बताया कि कोहली पर्थ टेस्ट में पुरानी गेंद से खेले थे, जहां उन्होंने सेंचुरी लगाई थी लेकिन नई गेंद के खिलाफ जब भी खेले हैं, आउट ही हुए हैं. पुजारा ने बहुत बड़ा दावा करते हुए यह भी बताया कि कोहली की तकनीक नई गेंद के लिए बनी ही नहीं है.
एक शो पर चर्चा करते हुए चेतेश्वर पुजारा ने कहा, “वो जब भी नई गेंद से खेले हैं, आउट हुए हैं. वो जब पर्थ में पुरानी गेंद से खेले तो सेंचुरी लगाई थी. ये बहुत अहम पहलू है, उनकी तकनीक नई गेंद के लिए नहीं बनी है. उनकी बल्लेबाजी 10,15 या 20 ओवर के बाद आनी चाहिए. जब वो नई गेंद से खेलेंगे तब गेंदबाजों का एनर्जी लेवल बढ़िया होगा और उनका आत्मविश्वास भी सातवें आसमान पर होता है. जब गेंदबाज 2 विकेट लेता है तो पूरी टीम जोश से भर जाती है. इसलिए जब आप नई गेंद के सामने बैटिंग करने आते हैं तो यह काम आसान नहीं होता.” चेतेश्वर पुजारा ने यह आंकलन करके बताया कि विराट कोहली चाहे नेट्स में ऑफ स्टंप की गेंदों को छोड़ने का प्रयास कर रहे हों, लेकिन वो उस अभ्यास को मैच के दौरान अमल में लाने में नाकाम रहे हैं.