नईदिल्ली : राज्यसभा में धक्का-मुक्की वाले विवाद के बाद कांग्रेस की तरफ से प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई। इसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, जयराम रमेश समेत तमाम नेता मौजूद रहे। इस दौरान संविधान पर बहस के दौरान राज्यसभा में केंद्रीय गृह मंत्री के भाषण पर राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, ‘सरकार और खासकर प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह डॉ. बीआर अंबेडकर के बारे में जो बयान दे रहे हैं, वह बहुत दुखद है और उन्होंने (अमित शाह) कल तथ्यों को देखे बिना ही प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। जवाहरलाल नेहरू, डॉ. बीआर अंबेडकर को गाली देने से पहले उन्हें तथ्यों को देखना चाहिए।
भाजपा ने नेहरू-आंबेडकर पर सिर्फ झूठ बोला’
खरगे ने आगे कहा कि, आंबेडकर पर बयानबाजी काफी दुखदायक है, गृह मंत्री ने तथ्यों से परे बात कही। उन्होंने आगे कहा कि भाजपा ने नेहरू-आंबेडकर पर सिर्फ झूठ बोला और उनका अपमान किया। गृह मंत्री अमित शाह अपनी गलती मानने को तैयार नहीं है। हमारी मांग है कि गृह मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए और देश से माफी मांगनी चहिए।
संसद परिसर में धक्का-मुक्की वाले विवाद पर बोले खरगे
इस दौरान मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि हम संसद में हर रोज धरना प्रदर्शन करते थे, कभी हिंसा नहीं हुई। आज भी हम लोग शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे। हमें मकर द्वार पर रोका गया। इस दौरान हमारे ऊपर हमला किया गया। भाजपा के सांसदों ने मुझे धक्का दिया। हमारी महिला सांसदों को भी धक्का दिया गया। वो लोग हमारा मजाक उड़ा रहे थे। हम इस मामले में देशव्यापी प्रदर्शन करेंगे।
राहुल गांधी ने मांगा गृह मंत्री का इस्तीफा
वहीं इस दौरान प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि, बाबासाहेब आंबेडकर का अपमान किया गया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इस मामले में देश से माफी मांगे और केंद्रीय कैबिनेट से इस्तीफा भी दें। राहुल गांधी ने आगे कहा कि भाजपा ने संसद में अदाणी के मामले पर चर्चा को रोकने की कोशिश की। भाजपा शुरू से इस पर मुद्दे को भटका रही है। इसके बाद गृह मंत्री का आंबेडकर को लेकर बयान आया। राहुल गांधी ने कहा कि- भाजपा की सोच आंबेडकर विरोधी है। आज फिर भाजपा ने फिर से फिर से मुद्दे को भटकाने की कोशिश की। हम आज संसद जा रहे थे, संसद की सीढ़ियों पर बीजेपी के सांसद डंडे लेकर खड़े थे और हमें अंदर नहीं जाने दे रहे थे।