छत्तीसगढ़

राहुल गांधी को संसद से निलंबित करने की मांग, निशिकांत दुबे ने दिया विशेषाधिकार हनन का नोटिस

नईदिल्ली : राहुल गांधी पर गृह मंत्री अमित शाह के राज्यसभा में दिए गए भाषण को कांट-छांट कर सोशल मीडिया पर साझा करने का आरोप लगाते हुए भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है। भाजपा सांसद ने राहुल गांधी को सदन से निलंबित करने की मांग की है। ओम बिरला को भेजे पत्र में निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने अमित शाह के भाषण के संपादित वीडियो को साझा करके राजनीतिक दिवालियापन का एक और सबूत दिया है।

राहुल गांधी पर संसद की गरिमा को कम करने का आरोप
भाजपा सांसद ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी के इस कृत्य का उद्देश्य जनता की भावनाओं को भड़काना और संसद और देश की गरिमा को कम करना है। गौरतलब है कि हाल ही में संविधान पर चर्चा के दौरान राज्यसभा में अमित शाह ने भाषण दिया था। कांग्रेस ने अमित शाह के इस भाषण की एक छोटी क्लिप सोशल मीडिया पर साझा कर उन पर डॉ. भीमराव आंबेडकर का अपमान करने का आरोप लगाया। वहीं भाजपा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पार्टी पर उनके भाषण को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का आरोप लगाया। इसी मुद्दे पर गुरुवार को संसद भवन परिसर में सत्ता और विपक्षी सांसद आमने-सामने आ गए थे, जिसके चलते दो भाजपा सांसद चोटिल भी हुए। इस मामले में एफआईआर भी दर्ज हुई है। 

जांच तक राहुल गांधी को निलंबित करने की मांग
निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने संसद में दिए गए अमित शाह के भाषण में चतुराई से कांट-छांट की और बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया। इसका उद्देश्य संसद की गरिमा को कम करना और अमित शाह को बदनाम करना था। दुबे ने कहा कि लोकसभा में नेता विपक्ष ने सभी सीमाओं को पार कर लिया है और उन्होंने संसदीय विशेषाधिकारों के उल्लंघन और सदन की अवमानना का अपराध किया है। भाजपा सांसद ने लोकसभा अध्यक्ष से राहुल गांधी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की और विशेषाधिकार समिति की जांच तक उन्हें संसद से निलंबित करने की मांग की गई। 

भाजपा सांसद ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी जॉर्ज सोरोस को को खुश करने के लिए संसदीय कदाचार करते रहते हैं। उन्होंने दावा किया कि यह महज संयोग नहीं है कि संसद सत्र से ठीक पहले सरकार या वैधानिक निकायों को निशाना बनाने के लिए ‘मनगढ़ंत’ लेख प्रकाशित किए जाते हैं और कांग्रेस नेता उनका इस्तेमाल महत्वपूर्ण संस्थानों को बदनाम करने के लिए करते हैं।