नईदिल्ली : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शनिवार को कहा कि उसने यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) के साथ एक समझौता किया है, जिसके तहत अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण, मिशन क्रियान्वयन और अनुसंधान प्रयोगों से जुड़ी गतिविधियों पर सहयोग किया जाएगा। समझौते पर इसरो प्रमुख एस सोमनाथ और ईएसए के निदेशक जोसफ एशबैचर ने हस्ताक्षर किए।
इसरो ने एक बयान में कहा, इस समझौते के तहत दोनों एजेंसियां मानव अन्वेषण और अनुसंधान में सहयोग करेंगी। खासकर अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण, प्रयोग, अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर ईएसए की सुविधाओं का उपयोग, मानव और जैव चिकित्सा अनुसंधान प्रयोगों का क्रियान्वयन, साथ ही शिक्षा और जन जागरूकता की गतिविधियों पर मिलकर काम किया जाएगा।
बयान में आगे कहा गया कि एक्सिओम-4 मिशन में इसरो के गगनयात्री और ईएसए के अंतरिक्ष यात्री शामिल हैं। इस मिशन में भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा किए गए कुछ अन्वेषण का प्रयोग अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर किए जाएंगे।
इस मौके पर सोमनाथ ने कहा कि इसरो ने मानव अंतरिक्ष उड़ान के लिए एक रोडमैप तैयार किया है। इसके तहत भारत अपने स्वदेशी अंतरिक्ष स्टेशन बीएएस (भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन) भी बनाने जा रहा है और इससे ईएसए के साथ सहयोग के नए रास्ते खुलेंगे। वहीं, ईएसए के प्रमुख एशबैचनर ने इस समझौते को दोनों एजेंसियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण बताया और इसरो की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस समझौते से दोनों के बीच सहयोग और मजबूत होगा।
इसरो और ईएसए के प्रमुखों ने एक्सिओम-4 मिशन के लिए साझा कामों की प्रगति पर भी संतोष जताया। उन्होंने भविष्य के मानव अंतरिक्ष मिशन के क्षेत्र में निरंतर सहयोग बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया।