छत्तीसगढ़

भारतीय ब्रह्मास्त्र को जल्द मिलेगा दूसरा खरीददार, फिलीपींस के बाद चीन के एक और दुश्मन से डील तय!

नईदिल्ली : भारतीय डिफेंस इंडस्ट्री को जल्द ही एक और बड़ी कामयाबी मिलने वाली है और ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, फिलीपींस के बाद वियतनाम के साथ ब्रह्मोस मिसाइल की बिक्री को लेकर बातचीत आखिरी चरण में पहुंच गई है। माना जा रहा है, कि जल्द ही दोनों देशों के बीच ये सौदा पूरा हो सकता है।

फिलीपींस की तरफ से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल को चुने जाने के बाद, कई दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों, खासकर इंडोनेशिया और वियतनाम ने चीन के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करने के लिए मिसाइल खरीदने में गहरी दिलचस्पी दिखाई है।

भारत-वियतनाम में जल्द ‘ब्रह्मोस डील’

ब्रह्मोस के नए महानिदेशक जयतीर्थ जोशी ने कहा है, कि फर्म को जल्द ही एक नया निर्यात ऑर्डर मिलने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, “कई ऐसे देश हैं जिन्होंने ब्रह्मोस को खरीदने में गहरी दिलचस्पी दिखाई है। हम सभी पक्षों के साथ अपनी बातचीत को आगे बढ़ा रहे हैं और जल्द ही अपने अगले निर्यात ऑर्डर पर हस्ताक्षर करने के लिए काफी आशान्वित हैं।”

इससे पहले 2024 में, ब्रह्मोस एयरोस्पेस के प्रबंध सह-निदेशक अलेक्जेंडर मैक्सीचेव के हवाले से रूसी एजेंसी TASS ने कहा था, कि इंडोनेशिया, वियतनाम और संयुक्त अरब अमीरात ने ब्रह्मोस मिसाइल में दिलचस्पी दिखाई है।

भारत, फिलीपींस को ब्रह्मोस की पहली खेप सौंप चुका है, जिसके बाद फिलीपींस ने ब्रह्मोस मिसाइलों को चीन को काउंटर करने के लिए दक्षिण चीन सागर में तैनात कर चुका है। यह डिलीवरी ऐसे समय में हुई है, जब बीजिंग मनीला के खिलाफ़ अपनी आक्रामकता बढ़ा रहा है और उसकी आक्रामकता ने दक्षिण चीन सागर को एक ऐसे बारूद के डिब्बे में बदल दिया है जो संघर्ष का कारण बन सकता है।

डिफेंस एक्सपर्ट्स के मुताबिक, चीन के पास फिलहाल ऐसे डिफेंस सिस्टम नहीं हैं, जो ब्रह्मोस को रोक सके।भारत, दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों को चीन के विस्तारवादी मंसूबों के खिलाफ मदद करने के लिए अपनी हथियार प्रणाली भी भेज रहा है। भारत दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों को उनकी सुरक्षा को मजबूत करने में मदद करने के लिए लाइन ऑफ क्रेडिट (LoC) पद्धति के माध्यम से डिफेंस डील कर रहा है।