छत्तीसगढ़

संसद हाथापाई मामला: हमारी ओर से नहीं हुई चूक, किसी भी सांसद को हथियार लाने की नहीं दी अनुमति, सीआईएसएफ का बयान

नईदिल्ली : केंद्रीय औद्योगिकी सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने सोमवार को कहा कि पिछले हफ्ते संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान सांसदों के बीच हुई झड़प में उसकी ओर से कोई चूक नहीं हुई। सीआईएसएफ संसद भवन की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालता है।

सीआईएसएफ के उप महानिरीक्षक (अभियान) श्रीकांत किशोर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, हमारी ओर से कोई चूक नहीं हुई। किसी भी सांसद को हथियार लाने की अनुमति नहीं दी गई। उन्होंने यह भी बताया कि सीआईएसएफ इस घटना के बारे में कोई जांच नहीं कर रहा है।

झड़प के दौरान क्या हुआ?
संसद भवन में पिछले हफ्ते झड़प हुई थी, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसदों प्रताप चंद्र सारंगी और मुकेश राजपूत घायल हो गए थे। यह झड़प विपक्षी सांसदों और सत्तारूढ़ पार्टी के सांसदों के बीच हुई थी। इस घटना के बाद दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए। 

सीआईएसएफ ने चुप रहने का फैसला लिया
जब पत्रकारों ने सीआईएसएफ से पूछा कि सांसदों ने एक-दूसरे पर धक्का देने का आरोप लगाया है, तो श्रीकांत ने कहा कि सीआईएसएफ चुप रहने का फैसला लेता है जब सम्मानीय सदस्य आरोप लगाते हैं। 

दिल्ली पुलिस दर्ज की प्राथमिकी
भाजपा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की। इस प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि राहुल गांधी ने झड़प के दौरान भड़काऊ बयान दिए। 

सीआईएसएफ ने उठाए सभी जरूरी कदम
सीआईएसएफ ने स्पष्ट किया कि संसद भवन में सुरक्षा के सभी नियमों का पालन किया गया था और कोई भी सुरक्षा उल्लंघन नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि उनकी टीम ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए थे।