नईदिल्ली : भारतीय कप्तान रोहित शर्मा पिछले कुछ समय से रन नहीं बना पा रहे हैं और उनकी खराब फॉर्म में मेलबर्न में खेले जा रहे बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के चौथे टेस्ट में भी जारी रही। इसे लेकर अब पूर्व भारतीय बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने भी चिंता जताई और कहा कि अगर रोहित अगली तीन पारियों में रन नहीं बनाते हैं तो उन पर सवाल उठने लगेंगे। भारतीय टीम अभी बदलाव के दौर से गुजर रही है, ऐसे में रोहित के भविष्य को लेकर अटकलें लगनी शुरू हो गई हैं।
रोहित की फॉर्म पर फैंस भी हैं निराश
रोहित मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (एमसीजी) पर खेले जा रहे चौथे टेस्ट की पहली पारी में ओपनिंग करने उतरे, लेकिन महज तीन रन बनाकर पवेलियन लौट गए। रोहित के बार-बार असफल होने से सोशल मीडिया पर प्रशंसकों ने नाराजगी व्यक्त की। यहां तक कि प्रशंसकों के एक वर्ग ने भारतीय कप्तान को संन्यास लेने की सलाह भी दे डाली। मौजूदा ऑस्ट्रेलिया दौरे पर रोहित पहली बार यशस्वी जायसवाल के साथ ओपनिंग के लिए उतरे। रोहित बड़ी पारी नहीं खेल सके और बतौर ओपनर भी फेल रहे। रोहित दूसरे ओवर में पैट कमिंस की गेंद पर बोलैंड के हाथों कैच आउट हुए।
पूर्व दिग्गज बल्लेबाज गावस्कर ने कमेंट्री के दौरान कहा, ‘रोहित के लिए कठिन समय है। अभी दूसरी पारी और सिडनी टेस्ट की दो पारियां बाकी है। इन तीनों पारियों में अगर वह रन नहीं बनाता है तो सवाल तो उठेंगे।’ पिछले आठ टेस्ट की 14 पारियों में 11.07 की औसत से रोहित ने सिर्फ 155 रन बनाए हैं। एक तो वह फॉर्म में नहीं हैं और स्थिर लग रही ओपनिंग जोड़ी में बदलाव करके टीम का संतुलन भी बिगड़ गया है।
रोहित लेंगे बड़ा फैसला?
चौथे टेस्ट की पहली पारी में भारतीय कप्तान के तीन रन पर आउट होने के बाद सवाल उठने लगे हैं कि वह टेस्ट क्रिकेट से विदा कब लेंगे। राष्ट्रीय चयन समिति के अध्यक्ष अजित अगरकर मेलबर्न में है और हो सकता है कि दोनों की भविष्य को लेकर बात भी हुई हो क्योंकि भारतीय टीम बदलाव के दौर से गुजर रही है। ऐसी अटकलें हैं कि अगर भारत विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फाइनल के लिए क्वालिफाई नहीं कर पाता है तो सिडनी उनके करियर का आखिरी टेस्ट होगा।
रोहित देंगे बलिदान?
क्या रोहित टीम के लिए सिडनी टेस्ट से खुद को बाहर रखकर फॉर्म में चल रहे केएल राहुल को यशस्वी जायसवाल के साथ पारी का आगाज करने देंगे? भारतीय टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर ने आईपीएल में अपने खेलने के दिनों में एक बार खुद को बाहर कर दिया था। अगर रविचंद्रन अश्विन को यह जताकर संन्यास लेने के लिए विवश किया जाता है कि वह विदेश में पहली पसंद के दो स्पिनरों में से नहीं हैं तो क्या भारतीय कप्तान को यह नहीं बताना चाहिए कि वह टेस्ट में शीर्ष छह में नहीं हैं जिनकी जगह टीम में पक्की है।
सात सप्ताह बाद वनडे प्रारूप में चैंपियंस ट्रॉफी खेली जानी है और वनडे में रोहित का कोई सानी नहीं। मौजूदा खराब फॉर्म से उनका मनोबल गिरा होगा लेकिन अगर टेस्ट की जिम्मेदारी हट जाती है तो वह खुलकर खेल सकेंगे। रोहित और विराट कोहली दोनों ही खराब फॉर्म में हैं लेकिन अंतर इतना है कि क्रीज पर दोनों कैसे दिखते हैं। कोहली को देखकर अभी भी लगता है कि वह जल्दी ही बड़ी पारी खेलेंगे और पर्थ में उन्होंने शतक भी जमाया।