छत्तीसगढ़

अतुल सुभाष सुसाइड केस: पत्नी निकिता सिंघानिया सहित सभी चारों आरोपियों को मिली जमानत

बेंगलुरु : अतुल सुभाष आत्महत्या मामले में बेंगलुरु की सिटी सिविल कोर्ट ने शनिवार (04 जनवरी, 2025) को निकिता सिंघानिया, उसकी मां निशा सिंघानिया और भाई अनुराग सिंघानिया समेत सभी आरोपियों को जमानत दे दी. इससे पहले अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं.

सुनवाई के दौरान निकिता सिंघानिया के वकील ने पुलिस की ओर से दिए गए उचित आधारों की अनुपस्थिति का हवाला देते हुए तर्क दिया कि उनकी गिरफ्तारी अवैध थी. अदालत ने जमानत का फैसला ऐसे समय में लिया है जब घटना के बारे में पूरी जानकारी हासिल करने के लिए आगे की जांच जारी है. 

बेंगलुरु पुलिस की गिरफ्तारी के बाद न्यायिक हिरासत में थी निकिता  

अतुल सुभाष की पत्नी निकिता सिंघानिया को बेंगलुरू पुलिस ने गुरुग्राम से और मां निशा सिघांनिया समेत भाई अनुराग को प्रयागराज से गिरफ्तार किया था. अतुल सुभाष ने तीनों पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था. तीनों पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है. अतुल ने निकिता और उनके परिवार पर उत्पीड़न और जबरन वसूली का आरोप लगाया था. 

अतुल सुभाष ने क्या लगाए आरोप?

अतुल ने आत्महत्या से पहले 1 घंटे 23 मिनट का वीडियो और 24 पेज का सुसाइड नोट जारी करके अपनी पत्नी और उसके परिवार वालों पर मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया था. उन्होंने सिंघानिया पर मामले को निपटाने के लिए 3 करोड़ रुपये मांगने का आरोप लगाया था. अतुल ने निकिता के पर कई तरह के फर्जी मुकदमे दर्ज कराने के आरोप लगाए थे. बाद में निकिता सिंघानिया ने तलाक का मुकदमा और सीजेएम कोर्ट में हत्या, मारपीट और अप्राकृतिक यौन संबंध के मुकदमे को बाद में वापस ले लिया था.

जौनपुर की अदालत में सुभाष पर तीन मुकदमे चल रहे हैं. इसमें एक मुकदमा दहेज प्रथा और मारपीट को लेकर है जिस पर अगली सुनवाई 12 जनवरी 2025 को तय है. अतुल मूल रूप से बिहार के रहने वाले थे और उनके ससुराल वाले मूल रूप से जौनपुर के. इस मामले की सुनवाई जौनपुर फैमिली कोर्ट में चल रही थी. अतुल ने अपने आरोप में कहा था कि जज रीता कौशिक ने मामले को निपटाने के लिए उनसे 5 लाख रुपए भी मांगे थे.