रायपुर : छत्तीसगढ़ के बीजापुर में टीवी पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या मामले में प्रशासन ने आरोपी सुरेश चंद्राकार के ठिकानों पर बुलडोजर कार्रवाई शुरू कर दी है। प्रशासन अवैध निर्माणों पर जेसीबी द्वारा कार्रवाई कर रहा है। इसके अलावा, मुकेश चंद्राकर की हत्या के मामले में एसआईटी गठित की गई है। जांच के लिए सुरेश चंद्राकर के तीन बैंक खातों को भी कब्जे में लिया गया है।
पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्याकांड मामले में उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने प्रेस कांफ्रेंस कर जानकारी दी कि इस मामले की जांच के लिए SIT (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि यह टीम पूरे मामले की जांच कर रही है और तीन से चार हफ्तों में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा, “मुकेश चंद्राकर के साथ जो हुआ है, वह बेहद भयानक और दर्दनाक है। यह बहुत गलत हुआ है। मैं अक्सर बस्तर जंक्शन को देखता था, जब मैं सुबह शेविंग करता था। मुकेश अंदर जाकर खबरें लाते थे और हम दोनों के बीच नक्सलवाद और मुख्य धारा से जुड़ने को लेकर कई बार चर्चा होती थी।”
विजय शर्मा ने बताया कि कांग्रेस नेता सुरेश चंद्राकर के रिश्तेदार को गिरफ्तार कर लिया गया है और इस मामले में सुरेश चंद्राकर मुख्य आरोपी है। अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। SIT की घोषणा हो चुकी है और आरोपियों के बैंक अकाउंट को सील कर दिया गया है। तीन खातों को होल्ड भी किया गया है। उन्होंने कहा कि तीन से चार सप्ताह में इस मामले की पूरी कार्रवाई पूरी हो जाएगी। उपमुख्यमंत्री ने मृतक पत्रकार मुकेश चंद्राकर के परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की और बताया कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से इस संबंध में चर्चा हो चुकी है। मुकेश चंद्राकर के परिवार को हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया गया है।
उन्होंने यह भी कहा कि सुरेश चंद्राकर कांग्रेस का पदाधिकारी है और उसे कांग्रेस ने जिले का प्रभारी बनाया है। कांग्रेस के नेता लगातार इस मामले में संलिप्त नजर आ रहे हैं। विजय शर्मा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस यह साबित करना चाहती है कि विष्णुदेव साय की सरकार में अपराध बढ़ रहे हैं।
मुकेश चंद्राकर का शव 3 जनवरी को ठेकेदार सुरेश चंद्राकर की प्रॉपर्टी पर स्थित सेप्टिक टैंक से बरामद हुआ था। वह 1 जनवरी से लापता थे। पुलिस ने सुरेश चंद्राकर के घर पर छापा मारा, जहां से एक सेप्टिक टैंक से शव बरामद हुआ। शव की हालत काफी खराब थी, लेकिन कपड़ों से उसकी पहचान पत्रकार मुकेश चंद्राकर के रूप में हुई।
1 जनवरी को सुरेश चंद्राकर के भाई रितेश ने मुकेश को बुलाया था, जिसके बाद मुकेश का फोन स्विच ऑफ हो गया था। पुलिस का दावा है कि शव को टैंक में डालकर उस पर प्लास्टर किया गया था, जिससे पुलिस को शक हुआ और जांच शुरू की गई।