नईदिल्ली : खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के आरोप में गिरफ्तार चार भारतीय नागरिकों को कनाडा की अदालत से राहत मिली है। साल 2023 के इस मामले में रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस ने करण बराड़, कमलप्रीत सिंह, करणप्रीत सिंह और अमनदीप सिंह को गिरफ्तार किया था। अब चारों को सरे प्रांतीय न्यायालय से जमानत मिल गई है। चारों के खिलाफ अब ब्रिटिश कोलंबिया सुप्रीम कोर्ट में अगले महीने 11 फरवरी को सुनवाई होगी।
चारों की जमानत के संबंध में ब्रिटिश कोलंबिया सरकार के न्याय विभाग की वेबसाइट पर जानकारी अपलोड की गई है। दस्तावेज में चारों आरोपियों की हिरासत की स्थिति के सामने ‘एन’ लिखा हुआ है। करण बराड़, कमलप्रीत सिंह, करणप्रीत सिंह और अमनदीप सिंह पर फाइल नंबर 256562 के अंतर्गत कार्रवाई हो रही है। इसकी पड़ताल करने पर पता लगा कि चारों पर हत्या की साजिश और हत्या करने के आरोप लगाए गए हैं। पुलिस के रिकॉर्ड्स के मुताबिक करण और कमलप्रीत का जन्म 2001 में हुआ, अमनदीप 2002 में जबकि करणप्रीत 1995 में जन्मा है।
ब्रिटिश कोलंबिया के सरे और एडमॉन्टन शहर में 1 मई, 2023 को हुई वारदात के सिलसिले में इन चारों को 18 जून 2023 को पकड़ा गया।ब्रिटिश कोलंबिया की इंटीग्रेटेड हॉमिसाइड इंवेस्टिगेशन टीम (आईएचआईटी) के मुताबिक, इन लोगों पर हत्या की साजिश रचने के साथ-साथ हत्याकांड को अंजाम देने के आरोप भी लगे हैं। हालांकि, कनाडाई मीडिया के भारत से लिंक होने की जो अटकलें लगाई जा रही थीं, उसके बारे में पुलिसकर्मियों ने कोई सबूत नहीं दिया।चारों की गिरफ्तारी के समय विदेश मंत्रालय ने इस बात को दोहराया था, कनाडा ने निज्जर की हत्या के मामले को खास सबूत या जानकारी भारत को नहीं दी है और इस मामले में कथित रूप से शामिल भारतीयों की गिरफ्तारी पर भारत को कोई औपचारिक सूचना नहीं गई है।
निज्जर की सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिस ट्रूडो ने आरोप लगाया था कि इस हत्याकांड में भारत की संलिप्तता है। हालांकि, भारत ने बार-बार इन आरोपों का खंडन किया है। ट्रूडो के इस आरोप के बाद दोनों देशों के रिश्तों में कड़वाहट आ गई थी। दोनों देशों के बीच कूटनीतिक तनाव बढ़ा और दोनों ने एक-दूसरे के राजनयिकों को निष्काषित कर दिया था।
हालांकि, ट्रूडो के आरोपों के बाद से अब तक कनाडा ने इस मामले में भारत सरकार के साथ सबूतों को साझा नहीं किया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कई मौकों पर कहा कि अगर कनाडा के पास इस हत्या से जुड़ा कोई सबूत है, तो भारत उसकी जांच करने के लिए तैयार है।