नईदिल्ली : टीम इंडिया के पूर्व कप्तान, पूर्व कोच और क्रिकेट इतिहास के सबसे सफलतम बल्लेबाजों में से एक राहुल द्रविड़ ने सिर्फ खुद मैदान पर शानदार प्रदर्शन नहीं किया, बल्कि अपने ज्ञान और अपनी सलाहों से कई खिलाड़ियों की भी मदद की. अपने लंबे करियर में द्रविड़ ने न सिर्फ खुद कई शतक लगाए-रन बनाए, बल्कि दूसरों को भी ऊंचाईयां छूने में मदद की. सिर्फ भारतीय खिलाड़ी ही नहीं, बल्कि विदेशी खिलाड़ियों को भी द्रविड़ ने उसी तरह समझाया. 11 जनवरी को 52 साल के हो रहे द्रविड़ के ऐसे ही एक ईमेल के बारे में आपको बताते हैं, जिसने इंग्लैंड के दिग्गज खिलाड़ी केविन पीटरसन की किस्मत बदल दी थी.
11 जनवरी 1973 को मध्य प्रदेश के इंदौर में जन्मे राहुल द्रविड़ ने करीब 17 साल लंबे अपने इंटरनेशनल करियर में सफलता के कई मुकाम हासिल किए. खास तौर पर टेस्ट क्रिकेट में उस दौर में कम ही ऐसे बल्लेबाज थे, जो राहुल द्रविड़ के बराबर या उनसे बेहतर थे. ऐसे में टेस्ट फॉर्मेट में बल्लेबाजी सीखने के लिए जरूरी टिप्स लेने के लिए उनसे बेहतर शायद ही कोई हो सकता था. बीते कुछ सालों में टीम इंडिया में आए कई युवा खिलाड़ी इस बात की तस्दीक कर सकते हैं कि सिखाने के मामले में द्रविड़ किसी से कम नहीं हैं. सिर्फ भारतीय खिलाड़ी ही नहीं, बल्कि पीटरसन भी इसके गवाह रहे हैं.
द्रविड़ के ईमेल से बदली पीटरसन की जिंदगी
पीटरसन ने कुछ साल पहले अपनी आत्मकथा में इसका खुलासा किया था कि 2012 के भारत दौरे से पहले उन्होंने द्रविड़ से मदद मांगी थी और भारतीय दिग्गज ने उन्हें सिर्फ एक ईमेल से ही ऐसे टिप्स दिए थे, जिसने उनकी जिंदगी बदल दी थी. पीटरसन ने एक इंटरव्यू में भी इसका जिक्र किया था और कहा था कि द्रविड़ ने उन्हें सबसे प्यारा ईमेल लिखा था और बताया था कि स्पिन का सामना कैसे किया जा सकता है. पीटरसन ने कहा था, “मुझे स्पिन खेलने की कला के बारे में समझाया था और तब से मेरी दुनिया बदल गई थी. सबसे अहम पॉइंट था कि गेंद के हाथ से छूटने के वक्त लेंथ को समझना- स्पिनर के फैसला लेने तक रुकना.”
इसके अलावा द्रविड़ ने उन्हें स्वीप शॉट खेलने का तरीका और फ्रंट फुट डिफेंस की तकनीक सुधारने का तरीका भी समझाया था. ये वो वक्त था जब पीटरसन टेस्ट क्रिकेट में खूब रन बना रहे थे लेकिन एशियाई परिस्थितियों में स्पिन के आगे वो नाकाम हो रहे थे. बांग्लादेश में उनका स्पिन के आगे बुरा हाल हुआ था. मगर द्रविड़ की सलाह का उन्हें जबरदस्त फायदा हुआ और पीटरसन ने भारत दौरे पर रनों का अंबार लगा दिया, जिसमें मुंबई टेस्ट में खेली गई 186 रनों की यादगार पारी भी थी. पीटरसन ने सीरीज की 7 पारियों में 338 रन बनाए थे और इंग्लैंड को सीरीज जिताने में अहम भूमिका निभाई थी. केविन पीटरसन ने अपने पूरे करियर (डॉमेस्टिक-इंटरनेशनल) में 68 शतक जमाए, जिसमें से कई शतकों में द्रविड़ की ये सलाह भी उनके काम आई.
राहुल द्रविड़ का शानदार करियर
जहां तक द्रविड़ के करियर की बात है तो इस दिग्गज बल्लेबाज ने 1996 में इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स के मैदान पर अपना टेस्ट डेब्यू किया था. द्रविड़ हालांकि अपने पहले ही टेस्ट में शतक से चूक गए थे और 96 रन बनाकर आउट हुए थे. मगर इसके बाद उन्होंने अपने लंबे करियर में कई शतक जमाए. 2012 में रिटायरमेंट से पहले द्रविड़ ने 164 टेस्ट मैच खेलकर 13288 रन बनाए, जिसमें 36 शतक और 63 अर्धशतक शामिल हैं. इसके अलावा 344 वनडे में उन्होंने 10889 रन भी बनाए, जिसमें 12 शतक भी जड़े. द्रविड़ बतौर खिलाड़ी तो कभी वर्ल्ड कप नहीं जीत पाए लेकिन 2024 में उन्होंने बतौर हेड कोच टीम इंडिया को टी20 वर्ल्ड चैंपियन बनाया.