छत्तीसगढ़

खिलाड़ियों का ध्यान सिर्फ खेल पर केंद्रित रहे…, बीसीसीआई ने खराब प्रदर्शन को देख भारतीय खिलाड़ियों की पत्नियों पर लगाई रोक!

नईदिल्ली : भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआई इन दिनों काफी एक्टिव है। खासतौर पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मिली शर्मनाक हार के बाद बीसीसीआई खिलाड़ियों को लेकर सख्ती दिखाने के मूड में है। न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज में हार के बाद टीम इंडिया को विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में जगह बनाने का मौका खोना पड़ा।

भारतीय टीम पिछली दो बार से विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल तक का सफर तय करने में सफल रही थी। लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो सका। पहले न्यूजीलैंड और फिर ऑस्ट्रेलिया ने भारत को बुरी तरह से टेस्ट सीरीज में हरा दिया। लगातार दो सीरीज गंवाने के बाद भारतीय टीम का वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने का सपना भी टूट गया।

इन हारों ने टीम की तकनीकी और मानसिक मजबूती पर सवाल उठाए। भारतीय क्रिकेट के लिए एक सीख भी हो सकती है, जिससे वे अपनी कमजोरियों पर काम कर सकें और मजबूत होकर आगे बढ़ सकें। लेकिन इस बीच बीसीसीआई खिलाड़ियों के प्रति एक्शन लेने के मूड में आ गई है। भारतीय खिलाड़ियों की पत्नियों को लेकर बीसीसीआई ने नया गाइडलाइन जारी किया है।

रिपोर्ट्स के अनुसार, भारतीय खिलाड़ियों को अब अपने परिवार के साथ विदेश यात्रा करने पर कुछ प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा। अगर भारतीय टीम को 45 दिन या उससे अधिक समय के लिए विदेश दौरे पर भेजा जाता है, तो उनके परिवार को दो सप्ताह से ज्यादा वहां रहने की अनुमति नहीं होगी। यह निर्णय बीसीसीआई ने टीम के प्रदर्शन में सुधार की दिशा में लिया है, ताकि खिलाड़ियों का ध्यान सिर्फ खेल पर केंद्रित रहे और उनका प्रदर्शन बेहतर हो सके।

रिपोर्ट में यह बताया गया है कि भारतीय क्रिकेट टीम के सहयोगी स्टॉफ के कार्यकाल को लेकर नए नियम बनाए जा सकते हैं। वर्तमान में कई सहयोगी स्टॉफ सदस्य वर्षों से अपनी जिम्मेदारियों को निभा रहे हैं, लेकिन अब उनके कार्यकाल को 3 साल तक सीमित किया जा सकता है। इस कदम के पीछे यह तर्क है कि लंबे समय तक एक ही टीम में बने रहने से टीम के प्रदर्शन पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।