नईदिल्ली : लगभग तीन साल पहले पांच जनवरी 2022 को पंजाब के फिरोजपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काफिला बीच सड़क पर रोक दिया गया था। हुसैनीवाला बॉर्डर से 30 किलोमीटर दूर बीच रास्ते में प्रदर्शनकारियों की वजह से पीएम का काफिला तकरीबन 20 मिनट असुरक्षित क्षेत्र में रुका रहा था। वहीं अब प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा में हुई चूक मामले में नया मोड़ आ गया है। मामले में पुलिस की तरफ से अब भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 307 (हत्या का प्रयास) भी जोड़ दी गई है।
पुलिस की तरफ से मामले में कुल 24 आरोपियों के खिलाफ दर्ज एफआईआर में धारा 307 जुड़ी गई है। मामले में एक आरोपी ने गिरफ्तारी से बचने के लिए फिरोजपुर जिला अदालत में अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी। तो अदालत ने एफआईआर में जोड़ी गई धारा 307 को देखते हुए आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी। इस केस में धारा 307 जुड़ने से मामला एक बार फिर गरमा गया है। बताते हैं कि गठित कमेटी ने जांच के बाद दर्ज की गई एफआईआर में धारा 307 जोड़ी गई है।
क्या है धारा 307 का मतलब
भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 307 हत्या के प्रयास से जुड़ी है। इस धारा के तहत अगर कोई व्यक्ति जान बूझकर या अनजाने में किसी की जान लेने की कोशिश करता है, तो उसे सजा हो सकती है। इस धारा के तहत आरोपी को ये कम से कम 10 साल तक की जेल, जुर्माना, आजीवन कारावास और मृत्यु दंड का भी प्रावधान है।
बारिश के कारण सड़क मार्ग से गुजर रहा था पीएम का काफिला
उल्लेखनीय है कि तीन साल पहले प्रधानमंत्री पंजाब दौरे पर फिरोजपुर आए थे। पांच जनवरी 2022 को पीएम मोदी ने फिरोजपुर में पीजीआई के सेटेलाइट सेंटर का उद्घाटन करना था। भारी बारिश के कारण पीएम को सड़क मार्ग से जाना पड़ा फिरोजपुर के गांव प्यारे आना के पुल पर कुछेक शरारती तत्वों ने प्रधानमंत्री का काफिला रोक दिया था और उन्हें पीजीआई सेटेलाइट सेंटर का नींव पत्थर नहीं रखने दिया गया था। पीएम का काफिला रोकना एक गंभीर मामला है।
भारत-पाक सीमा से कुल 7 किमी दूर
फिरोजपुर के जिस जगह पर पीएम का काफिला रोका गया था वो स्थल भारत-पाकिस्तान सीमा से मात्र सात किलोमीटर दूर था। यहां लगभग 20 मिनट तक पीएम मोदी का काफिला रुका रहा। प्रदर्शनकारी लोग खुद को किसान बता रहे थे। इसके बाद पीएम रैली स्थल पर आए बिना वहीं से बठिंडा एयरपोर्ट लौट गए थे। थाना कुलगढ़ी पुलिस ने उस समय हल्की धारा 283 ( सार्वजनिक मार्ग पर बाधा उत्पन्न करने या खतरा पैदा करने से जुड़ी है) के तहत लगभग 24 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इस मामले की जांच के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की कमेटी गठित की गई थी। कमेटी की जांच के बाद अब मामले में धारा 307 भी जोड़ी गई है।