छत्तीसगढ़

भगवा चोला ओढ़कर संन्यासिनी बनने का ढोंग: संगम की रेती पर घूमती नजर आईं हर्षा, कैलाशानंद को महाकुंभ से बाहर करने की मांग

Harsha was seen roaming on the sands of Sangam in the guise of a Sadhvi, voice raised to expel Kailashanand

प्रयागराज। भगवा चोला ओढ़कर संन्यासिनी बनने का ढोंग फैलाने के आरोपों के बाद निरंजनी अखाड़े के आचार्य शिविर से आंखों में आंसू लेकर लौटने का दावा करने वाली मॉडल हर्षा रिछारिया शुक्रवार को महाकुंभ मेले में घूमती नजर आईं। वह सेक्टर 11 के पास तस्वीरों में कैद कर ली गईं। सेक्टर 11 हर्षा के गुरु निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि के शिविर के सामने है। प्रथम अमृत स्नान में निरंजनी अखाड़े के आचार्य रथ पर हर्षा के साध्वी वेश में शाही सवारी करने का शांभवी पीठाधीश्वर स्वामी आनंद स्वरूप की ओर से विरोध किए जाने के बाद दो दिन पहले रो-रोकर महाकुंभ से वापस जाने का उनका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।

साध्वी वेश में माथे पर त्रिपुंड और भगवा वस्त्र धारण कर महाकुंभ में शुक्रवार को मॉडल हर्षा रिछारिया गंगेश्वर पांटून पुल से आगे सेक्टर 11-12 के बीच सफेद रंग की कार पर सवार होकर निकलीं। सेक्टर 12 के पास उन्होंने गंगा दर्शन भी किया। तिलक लगाकर वह कार में मोबाइल पर चैटिंग करती रहीं। इसी दौरान छायाकारों ने उन्हें कैमरे में कैद कर लिया। हर्षा की महाकुंभ में मौजूदगी की जानकारी मिलने पर शांभवी पीठाधीश्वर आनंद स्वरूप ने निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद को महाकुंभ से बाहर कर उनका बहिष्कार करने की संत समाज के बीच आवाज उठाई।

शांभवी पीठाधीश्वर ने आरोप लगाया कि कैलाशानंद को सनातन की संत संस्कृति और निरंजनी अखाड़े की परंपरा का ज्ञान नहीं है। मॉडल को भगवा वस्त्र में शाही सवारी कराकर उन्होंने परंपरा को धूमिल किया है। शांभवी पीठाधीश्वर ने बताया कि इस मामले को लेकर उन्होंने अखाड़ा परिषद और निरंजनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्र पुरी से मुलाकात कर स्वामी कैलाशानंद को आचार्य महामंडलेश्वर पद से हटाने और अखाड़े से बाहर करने का आग्रह किया है।

Harsha was seen roaming on the sands of Sangam in the guise of a Sadhvi, voice raised to expel Kailashanand

संगम की रेती पर घूमती देखी गईं हर्षा रिछारिया। 

मां ने कहा- नहीं लेने दूंगी संन्यास

शांभवी पीठाधीश्वर ने बताया कि हर्षा की मां किरन रिछारिया ने उन्हें सुबह फोन पर बताया कि अगले महीने उनकी पुत्री की शादी होने वाली है। अपने जीते जी वह उसे कभी संन्यास नहीं लेने दे सकतीं। स्वामी आनंद स्वरूप का कहना है कि जिस मॉडल की महीने भर बाद ही शादी होने वाली हो उसे संन्यासिनी बनाकर महाकुंभ में प्रचारित करने की छूट किसी को नहीं दी जा सकती।

जो महिला अभी यह भी नहीं तय कर पाई है कि उसे संन्यास की दीक्षा लेनी है या शादी करनी है, तो उसे संत- महात्माओं के शाही रथ पर जगह दिया जाना उचित नहीं है। श्रद्धालु के तौर पर शामिल होती तब भी ठीक था, लेकिन भगवा कपड़े में शाही रथ पर बिठाना पूरी तरह गलत है।-स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती, शंकराचार्य, ज्योतिष्पीठ।

हर्षा रिछारिया के समर्थन में आए अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी

महाकुंभ में भगवा वस्त्र पहनने और शाही रथ पर संन्यासिनी के वेश में सवार होने को लेकर उठे विवदा के बीच शुक्रवार को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्र पुरी मॉडल हर्षा रिछारिया के समर्थन में उतर आए। उन्होंने कहा कि हर्षा रिछारिया उनकी बेटी के समान हैं। उनके भगवा वस्त्र पहनने पर किसी को एतराज नहीं होना चाहिए। ऐसा नहीं है कि भगवा वस्त्र सिर्फ संत या संन्यासी ही पहन सकते हैं। महाकुंभ में सनातन धर्म को समझने के लिए आने और प्रवास करने वाले युवक-युवतियों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। इससे सनातन को और मजबूती मिलेगी ।