नईदिल्ली : लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी का ‘इंडियन स्टेट’ से लड़ रहे हैं वाला बयान तूल पकड़ता नजर आ रहा है. इस मामले में राहुल के खिलाफ असम की राजधानी गुवाहाटी में एक एफआईआर दर्ज की गई. हाल ही में उन्होंने भाजपा और आरएसएस द्वारा संस्थाओं पर कब्ज़ा करने के का आरोप लगाया था. इसी दौरान उनका यह इंडियन स्टेट वाला बयान भी सामने आया था. शिकायतकर्ता मोनजीत चेतिया की शिकायत पर दर्ज एफआईआर में दिल्ली में कांग्रेस के नए मुख्यालय के उद्घाटन के अवसर पर राहुल गांधी द्वारा दिए गए बयान का विशेष रूप से जिक्र किया गया है.
राहुल गांधी के बयान के बाद बीजेपी ने इसे बड़ा मुद्दा भी बनाया था. उन्होंने इसे राहुल की देश विरोधी मानसिकता करार दिया था. असम में इस वक्त हेमंत बिस्वा सरमा के नेतृत्व वाली बीजेपी की सरकार है. आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत द्वारा कुछ वक्त पहले अयोध्या में राम मंदिर के शिलान्यास की तारीख को भारत की सच्ची आज़ादी के रूप में मनाए जाने की बात कही थी. इसपर रिएक्ट करते हुए राहुल गांधी ने कहा था कि बीजेपी और आरएसएस ने हर एक संस्था पर कब्ज़ा कर लिया है और अब हम भाजपा, आरएसएस और इंडियन इस्टेट से ही ही लड़ रहे हैं.”
राहुल पर बेहद गंभीर हैं धाराएं
यह एफआईआर गुवाहाटी के पान बाज़ार पुलिस स्टेशन में बीएनएस की धारा 152 और 197(1)डी के तहत दर्ज की गई है। जिसका मतलब है भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कृत्य करना यह एक गैर-जमानती अपराध है. राहुल गांधी द्वारा भारतीय राज्य के साथ लड़ाई का जिक्र करने के बाद भाजपा ने उन पर भारत को तोड़ने और हमारे समाज को विभाजित करने की दिशा में काम करने का आरोप लगाया है. अपनी शिकायत में चेतिया ने लिखा है कि एक ऐसे व्यक्ति द्वारा सार्वजनिक मंच पर दिया गया बयान जो वर्तमान में विपक्ष के नेता का पद संभाल रहा है. कहा गया कि यह कोई साधारण राजनीतिक टिप्पणी नहीं है. वे भारत की अखंडता और स्थिरता के लिए एक सीधी चुनौती पेश करते हैं, जिसके लिए तत्काल कानूनी कार्रवाई की आवश्यकता है.”