नईदिल्ली : लोकसभा में उस समय तनाव की स्थिति पैदा हो गई जब विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देते हुए डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह के निमंत्रण को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष किया. केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने इस टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताई.
केंद्र सरकार का मजाक उड़ाते हुए राहुल गांधी ने दावा किया कि अगर सरकार ने आर्थिक नीतियों को गंभीरता से लिया होता तो सरकार को डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निमंत्रण लाने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर को अमेरिका नहीं भेजना पड़ता.
क्या बोले राहुल गांधी?
लोकसभा में विपक्ष के नेता ने कहा, “अगर प्रधानमंत्री का ध्यान उत्पादन पर होता तो उन्हें अपने विदेश मंत्री को बार-बार अमेरिका नहीं भेजना पड़ता. उन्हें इसलिए अमेरिका भेजा गया ताकि पीएम मोदी को न्योता मिल सके. अगर पीएम ने नारों की जगह उत्पादन पर जोर दिया होता तो ऐसी नौबत न आती.” राहुल गांधी के इतना बोलते ही सत्ता पक्ष के सांसद भड़क गए और केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने आपत्ति जताई.
किरेन रिजिजू ने क्या कहा?
उन्होंने कहा, “इस तरह की बयानबाजी नहीं चलेगी. विपक्ष के नेता इस तरह के गंभीर, निराधार बयान नहीं दे सकते. यह दो देशों के बीच संबंधों का मामला है. वह हमारे प्रधानमंत्री के निमंत्रण के बारे में अपुष्ट बयान दे रहे हैं. उन्हें जिम्मेदार होना चाहिए. अगर विपक्ष के नेता के पास जानकारी है, तो उन्हें सदन को बताना चाहिए कि उन्हें किसने बताया कि विदेश मंत्री इस उद्देश्य से आए थे.”इसके जवाब में राहुल गांधी ने माफी मांगते हुए कहा, “मैं आपकी मानसिक शांति भंग करने के लिए माफी मांगता हूं.”
चीन को लेकर राहुल गांधी ने सरकार को घेरने की कोशिश की
इन सब के अलावा, राहुल गांधी ने केंद्र पर एक और तीखा हमला किया और इस बार उन्होंने चीन का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि भारतीय सेना ने लद्दाख में चीनी सेना की घुसपैठ के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दावों का खंडन किया है. उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने इसका खंडन किया है और सेना ने भी प्रधानमंत्री के इस दावे का खंडन किया है कि चीन हमारी 4000 वर्ग किलोमीटर जमीन पर बैठा है.’’ इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, “आप जो बोल रहे हैं उसका सबूत आपको सदन में पेश करना होगा.”