छत्तीसगढ़

छात्रा के कंधे से डॉक्टरों ने क्यों नहीं निकाली गोली? एक्सपर्ट्स से जानें

नईदिल्ली I देश की राजधानी दिल्ली में 11 वीं कक्षा की एक छात्रा को गोली मारने की वारदात सामने आई है. स्कूल से घर जाते समय अमानत अली नाम के एक शख्स ने 16 साल की छात्रा पर गोलियां चलाई. हालांकि गनीमत रही कि लड़की की जान बच गई और इलाज के बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है, लेकिन छात्रा के शरीर में अभी भी एक गोली फंसी हुई है. डॉक्टरों ने उसे निकाला नहीं है और अब कुछ समय तक ये गोली लड़की के शरीर में ही रहेगी. अस्पतालों में ऐसे कई मामले आते हैं जहां बुलेट इंजरी होने के बाद डॉक्टर शरीर से गोली नहीं निकालते है.

लेकिन इसके कारण क्या है. ऐसा क्यों होता है कि बुलेट शरीर में ही छोड़ दी जाती है? क्या इससे मरीज की जान को खतरा नहीं रहता है?

किस जगह गोली लगी है ये देखा जाता है

दिल्ली के मूलचंद हॉस्पिटल के चीफ लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ. सचिन अंबेकर बताते हैं कि बुलेट इंजरी के मामलों में ये देखा जाता है कि गोली शरीर के किस हिस्से में लगी है.अगर बुलेट ऐसी किसी जगह फंसी है जहां ऑपरेशन करने से बॉडी पार्ट या महत्वपूर्ण आर्टरी को नुकसान पहुंचने की आशंका रहती है तो बुलेट नहीं निकाली जाती. क्योंकि अगर गोली निकालने की प्रक्रिया के दौरान कोई नर्व या वेन डैमेज हो जाती है तो इससे मरीज की जान को जोखिम हो सकता है. इसलिए देखा जाता है कि पेट, हार्ट या किसी हड्डी में फंसी गोली को निकाला नहीं जाता है.

डॉ. सचिन बताते हैं कि गोली किस जगह लगी है इसको बड़ी गौर से जांचा जाता है. जब डॉक्टर को लगता है कि बुलेट निकालने में कोई रिस्क नहीं है. तभी सर्जरी कर बुलेट को निकाला जाता है.

शरीर में गोली रहने से क्या कोई नुकसान नहीं होता

नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ( एम्स) के क्रिटिकल केयर विभाग के प्रोफेसर डॉ. युद्धवीर सिंह ने बताया कि दिल्ली में हुई इस घटना में यह देखना होगा कि बुलेट कंधे में फंसी है या रीढ़ की हड्डी के पास पहुंच गई है. क्योंकि अगर गोली रीढ़ के पास है तो ऐसे मामले में डॉक्टर उसे निकालते नहीं है. क्योंकि इस स्थिति में सर्जरी करने से स्पाइनल कोर्ड डैमेज हो सकता है, जिससे पैरालिसिस होने की आशंका रहती है.

डॉ. के मुताबिक, अगर गोली के न निकलने से जान का खतरा बना रहता है तो ऐसे मामलों में डॉक्टर सर्जरी करते हैं. छात्रा के केस में डॉक्टरों को कोई ऐसा रिस्क नहीं दिखा होगा.

क्या सावधानी बरतनी चाहिए

अब छात्रा के शरीर में गोली फंसी हुई है और काफी समय तक ऐसी ही रहेगी. ऐसे में क्या सावधानी बरतनी चाहिए?

इस सवाल के जवाब में डॉ. सिंह कहते हैं कि अगर गोली किसी हड्डी में फंसी है तो वो मूवमेंट नहीं करती है, लेकिन अगर किसी दूसरे हिस्से में है तो उसके मूवमेंट की आशंका रहती है. ऐसे में बहुत ज्यादा फिजिकल वर्क न करें. खानपान पर ध्यान दें. अगर बुलेट कंधे के आसपास है तो हाथों से वजन न उठाएं और दौड़ने या साइकल चलाने से परहेज करें.

एमआरआई न कराएं

डॉ. सिंह बताते हैं कि शरीर में गोली मौजूद होने पर एमआरआई नहीं कराना चाहिए. क्योंकि पहले से ही उसके शरीर में आयरन मौजूद है. ऐसे में एमआरआई से नुकसान हो सकता है.