नईदिल्ली I समाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत याचिका संबंधी मामले पर आज शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. सुनवाई के दौरान सीजेआई जस्टिस यूयू ललित ने एसजी तुषार मेहता से पूछा कि क्या गवाहों को तीस्ता सीतलवाड़ की ओर से कभी परेशान किया गया या उनकी ओर से कोई दबाव बनाया गया था. सीजेआई ने तीस्ता के वकील कपिल सिब्बल से पूछा कि आपको भी कुछ कहना है.
सीजेआई ने पूछा कि क्या गवाहों को तीस्ता सीतलवाड़ ने कभी परेशान किया या उनकी ओर से कोई दबाव बनाया गया था. इस पर एसजी मेहता ने कहा कि ऐसी कोई शिकायत नहीं आई. सीजेआई ने सिब्बल से भी पूछा कि आपको इस पर कुछ कहना है. कोर्ट ने यह भी पूछा कि क्या उस महिला से पूछताछ में कुछ मिला. कितने दिन पूछताछ की गई. इस पर एसजी ने बताया कि 7 दिन तक पूछताछ की गई.
तीस्ता के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि यह आरोप राजनीति से प्रेरित है. 2002 में हुई घटना पर आज 2022 में आरोप लगाए जा रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि क्या आप पर साक्ष्यों से छेड़छाड़ करने का कोई आरोप है. इस पर सिब्बल ने कहा, बिल्कुल नहीं.
बेंच ने बिल्कुल सही चिंता जताई
तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत की मांग पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान एसजी तुषार मेहता ने कहा, “कल बेंच ने बिल्कुल सही चिंता जताई थी, लेकिन इसका निहितार्थ यह निकाला जा रहा है कि हाई कोर्ट ने जानबूझकर छह हफ्ते में नोटिस का जवाब मांगा. मैं यही स्पष्ट करूंगा कि ऐसा नहीं है.” एसजी ने कहा कि इस मामले से एक हफ्ते पहले 124 केस थे और इस आदेश की तारीख को 168 केस थे.
उन्होंने कहा कि गुजरात हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने ऑटो सूची पद्धति शुरू की है, जहां जमानत आवेदनों में कुछ दस्तावेज आदि दायर किए जाते हैं और जेल में बंद व्यक्ति को पता नहीं होता है. इसलिए ऑटो सूची मदद करती है.
2 दिन में 28 केस में जमानत की तारीख दीः सिब्बल
सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल ने कहा कि ऐसे 28 मामले हैं जिनमें एक ही जज ने दो दिन में जमानत देने जैसी तारीखें दी हैं.
SG मेहता ने आपत्ति जताते हुए कहा इस महिला ने पूरे राज्य, राज्य की न्यायपालिका, हाईकोर्ट को बदनाम किया है. आप गुजरात हाईकोर्ट के जज के बारे में ऐसा कुछ नहीं कह सकते.
गुजरात हाई कोर्ट के फैसले पर SC हैरान
इससे पहले तीस्ता सीतलवाड की जमानत याचिका संबंधी मामले पर कल गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात हाई कोर्ट के फैसले पर हैरानी जताई. देश की शीर्ष अदालत ने कहा कि गुजरात हाई कोर्ट ने जमानत याचिका पर जवाब के लिए राज्य सरकार को नोटिस भेजने के क्यों छह हफ्ते बाद 19 सितंबर को इसे सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया. कोर्ट ने राज्य सरकार से उसे आज शुक्रवार दोपहर दो बजे तक यह बताने को कहा है कि क्या इस तरह की परिपाटी है.
प्रधान न्यायाधीश जस्टिस उदय उमेश ललित की अगुवाई में जस्टिस एस रवींद्र भट्ट तथा जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच ने सीतलवाड़ की याचिका पर आगे की सुनवाई शुक्रवार को करना तय किया. तीस्ता सीतलवाड़ को 2002 के गुजरात दंगों के मामलों में कथित रूप से बेगुनाह लोगों को फंसाने के लिए सबूत गढ़ने के मामले में गिरफ्तार किया गया था.