नईदिल्ली I ब्यूरोक्रेट से विदेश मंत्री बने एस जयशंकर ने कई मौकों पर मजबूती से भारत का स्टैंड रखा. कश्मीर मसले की बात हो या फिर रूस और यूक्रेन वॉर के बीच यूरोपीयन कंट्री को आइना दिखाना हो एस जयशंकर कहीं नहीं चूकते. भारत की बेहतर विदेश नीति का ही नतीजा है कि रूस और यूक्रेन के जारी युद्ध के बीच भारत के रिश्ते किसी भी देश से खराब नहीं हुए.
विदेश मंत्री एस जयशंकर की किताब ‘द इंडिया वे: स्ट्रैटेजीज फॉर एन अनसर्टेन वर्ल्ड’ किताब का गुजराती में अनुवाद किया गया. इस किताब का विमोचन करने के लिए अहमदाबाद में एक समारोह आयोजित किया गया था. इस समारोह में एस जयशंकर भारत की विदेश नीति और विदेश मंत्री जैसे पद पर खुलकर बातचीत की.
विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार में विदेश मंत्री होना बड़ी ताकत है. सरकार में मूल विश्वास, आत्मविश्वास और क्लियर विजन है, जिसे दुनिया पहचान भी रही है. उन्होंने आगे कहा कि 2047 में जो भारत का विदेश मंत्री होगा उससे मुझे ईर्ष्या होगी. जब उन्होंने ये बात कही तो लोग सोच में पड़ गए कि आखिरकार 2047 की बात विदेश मंत्री क्यों कर रहे हैं. उन्होंने भारत की विदेश नीति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वह समय चला गया है जब देश ‘वोट बैंक की राजनीति के लिए राष्ट्रीय हित को अलग रखता था’.
भारत-इजरायल संबंध पर
विदेश मंत्री ने विदेश नीति और जनसंख्या वृद्धि पर भी अपनी बात कही. उन्होंने कहा कि कुछ राजनीतिक कारणों से हमें खुद को इजरायल के साथ संबंध बढ़ाने से रोकना पड़ा. पीएम मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री थे जो इजरायल गए थे. वह समय चला गया है जब हम वोट बैंक की राजनीति के लिए राष्ट्रीय हित को अलग रखते थे.
जनसंख्या वृद्धि दर गिर रही है- जयशंकर
एस जयशंकर ने भारत की बढ़ती आबादी और उन समस्याओं के बारे में भी बताया जो जबरन जनसंख्या नियंत्रण से पैदा हो सकती हैं. यूएन वर्ल्ड पॉपुलेशन प्रॉस्पेक्ट्स (डब्ल्यूपीपी), 2022 का अनुमान है कि भारत 2023 तक 140 करोड़ आबादी के साथ चीन को पीछे छोड़ते हुए सबसे अधिक आबादी वाला देश बन जाएगा. भारत में वर्तमान में दुनिया की आबादी का 17.5% है. भारत के 2030 तक 150 करोड़ और 2050 तक 166 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है. उन्होंने कहा कि भारतीय जनसंख्या की वृद्धि दर गिर रही है. इसका कारण शिक्षा, सामाजिक जागरूकता है. समय बीतने के साथ हम में से प्रत्येक के बीच परिवार का आकार छोटा हो रहा है.